Sisamau assembly constituency by-poll: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव का रण सज गया है. एक तरफ राजनीतिक दलों के बीच नए-नए नारे गढ़े जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ एक-एक सीट पर रणनीति को धार भी दी जा रही है. इन 9 सीटों में कानपुर की सीसामऊ की सीट काफी चर्चित है. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट से इरफान सोलंकी की जीत हुई थी. इरफान को सजा मिलने के बाद यहां से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. भीम आर्मी चीफ और नगीना सांसद रविवार को कानपुर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सीसामऊ सीट को लेकर एक ऐसी बात कही, जिसका यहां की सियासी तस्वीर पर काफी असर पड़ सकता है.
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चंद्रशेखर आजाद से पूछा गया कि सीसामऊ सीट पर उनकी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी को स्क्रूटनी के लिए नहीं बुलाया गया. इसपर चंद्रशेखर ने कहा कि बीजेपी ने साजिश करके हमारे प्रत्याशी का पर्चा कैंसिल कराया है. चंद्रशेखर ने कहा कि, 'जिन सीटों पर हमारे प्रत्याशी लड़ रहे हैं, दमदारी से लड़ रहे हैं. मेरा विश्वास है कि आजाद समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व इस बार विधानसभा में जाएगा.' इसी बीच चंद्रशेखर से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी के बारे में पूछा गया.
चंद्रशेखर ने कहा कि, राजनीतिक कारणों से उनकी कुछ सीमाएं हैं, लेकिन यदि उनके (इरफान सोलंकी) परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है तो जनता को यह तय करना है कि जिसके साथ जुल्म हुआ है उसकी मदद करना या उसे अकेले छोड़ना है. साफ है कि चंद्रशेखर एक तरह से इस सीट पर नसीम सोलंकी का समर्थन करते ही नजर आए हैं. चंद्रशेखर के पूरे बयान को नीचे शेयर किए गए वीडियो पर क्लिक कर देखा और सुना जा सकता है.
सीसामऊ सीट का समीकरण भी देख लीजिए
सीसामऊ से सपा की नसीम सोलंकी के अलावा बीजेपी के सुरेश अवस्थी और बसपा के वीरेंद्र कुमार मैदान में हैं. यह सीट परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई थी. तब से हुए तीनों विधानसभा चुनावों में इस सीट से इरफान सोलंकी जीत चुके हैं. अब उन्हें सजा मिलने के बाद उनकी पत्नी नसीम सोलंकी मैदान में हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने की वजह से इरफान सोलंकी परिवार का दबदबा समझा जाता रहा है. हालांकि यहां दूसरी बड़ी संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की भी है. ऐसे में इस सीट पर एक रोचक सियासी जंग देखने को मिल सकती है.
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