उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है. ऐसे में बीजेपी के नेता लगातार आरएलडी चीफ जयंत चौधरी को अपने पाले में लाने की कोशिश में दिख रहे हैं, लेकिन गुरुवार को मुजफ्फरनगर में जयंत चौधरी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुआ साफ किया कि वह बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.
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आरएलडी चीफ ने कहा,
“कल (बुधवार) रात से खबर चलाई जा रही है कि बहुत बड़ी बैठक हुई दिल्ली में. ये लोग कहां गए थे जब लखीमपुर में किसानों को रौंदा गया, कुचला गया. ये लोग आपसे उम्मीद कर रहे हैं, मुझसे उम्मीद कर रहे हैं, मैं कोई चवन्नी हूं जो पलट जाऊंगा? आपके मान सम्मान की बात है. ये फैसले मैं अकेले नहीं लेता, बहुत सोच विचार करके ये फैसला लिया है.”
दरसअल, 26 जनवरी को दिल्ली में बीजेपी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के घर पर एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत जाट समुदाय के करीब 250 से ज्यादा नेता हुए शामिल थे. इस बैठक के बाद सांसद वर्मा ने कहा था, “जयंत चौधरी जी ने एक गलत रास्ता चुना है. यहां के समाज के लोग उनसे बात करेंगे, उनको समझाएंगे. इलेक्शन के बाद संभावनाएं हमेशा खुली रहती हैं. हमारा दरवाजा आपके लिए खुला है.”
जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा, “उत्तर प्रदेश की इतनी सारी समस्याएं हैं, मैं खुलकर कह रहा हूं कि हम लोग सत्ता में भी आ जाएंगे तो ईमानदारी से प्रयास करेंगे. इतना अहंकार मेरे दिल में नहीं है कि कह दूं सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी. हमारी सरकार में अगर आप कोई मांग रखते हो, कोई आंदोलन करते हो, पुलिस वालों की हिम्मत नहीं होगी कि लाठी चल जाए.”
आरएलडी अध्यक्ष ने कहा, “नौकरी नहीं दे सकते तो लाठी क्यों दे रहे हो. ये लाठी सिर्फ एक नौजवान पर नहीं पड़ रही, ये लाठी हमारे आने वाले कल पर पड़ रही है, ये देश के भविष्य पर पड़ रही है.”
जयंत चौधरी ने कहा, “आपको सतर्क रहना होगा, अब चंद दिन बाकी हैं. अगर खीर मीठी और अच्छी हो लेकिन उसमें थोड़ा सा भी विष गिर जाए तो वो खतरनाक हो जाती है. इतनी सी भी नफरत मत पालने देना आप किसी को. आजकल बहुत तेजी से अफवाह फैलाई जाती है.”
उन्होंने आगे कहा, “एक दौर था जब लोग सोचते थे टेलीविजन में जो चल रहा है वो सत्य और सही है, लेकिन अब लोग जान गए हैं कि उसके पीछे कुछ न कुछ षड्यंत्र होता है.”
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