उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अब महिला वोटरों को साधने के लिए लगभग सभी बड़े दलों ने कोशिशें तेज कर दी हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की घोषणा कर एक नई बहस शुरू कर दी है, तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यात्राओं में महिला और युवाओं तक पहुंचने का खास लक्ष्य बनाया है. ऐसे में चुनावी तैयारियों में सबसे आगे मानी जाने वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी महिला वोटरों को साधने के लिए नई रणनीति बनाई है.
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बीजेपी ‘कमल शक्ति संवाद’ नाम के अभियान के जरिए पार्टी से महिलाओं को जोड़ने की पहल कर रही है. इसके लिए पार्टी ने ‘ड्रॉइंग रूम और बरामदे’ तक में छोटी-छोटी मीटिंग्स के जरिए महिलाओं तक पहुंचने की रणनीति बनाई है.
इन बैठकों में 10-15 महिलाएं शामिल होंगी. हालांकि, कुछ मामलों में यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है. इस अभियान की शुरुआत यूपी बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद गीता शाक्य ने 25 अक्टूबर को अपने जिले औरैया से की है.
महिलाओं को लेकर क्या है बीजेपी की रणनीति?
यूपी बीजेपी ने यूं तो महिलाओं के लिए ‘कमल शक्ति संवाद’ और ‘कपल मैराथन’ जैसे प्लान पहले ही बनाए थे, लेकिन अब उनका विस्तार किया जा रहा है. महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि नुक्कड़ सभाओं के अलावा उन महिलाओं तक भी पहुंचें जो घर में रहती हैं और अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों और सभाओं में शिरकत नहीं करतीं. इसके लिए घर के ‘ड्रॉइंग रूम (बैठकी) और बरामदे (दालान) में भी सभाओं की योजना है. किसी-किसी घर में आस-पास की महिलाओं की छोटी मीटिंग्स की भी जाएंगी, जिनमें 10-15 महिलाओं को शामिल किया जाएगा. इससे व्यक्तिगत (one to one) ‘संवाद’ का मौका मिलेगा. पार्टी की ओर से यह लक्ष्य रखा गया है कि महिला कॉलेज या छात्राओं के संस्थानों में भी ये कार्यक्रम होंगे, जिनमें छात्राएं और महिला शिक्षक बड़ी संख्या में एक जगह मौजूद हों.
मोदी-योगी सरकार के कामों की दी जाएगी जानकारी
इन बैठकों में केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के काम और फैसलों की जानकारी महिलाओं को दी जाएगी. इसके लिए खास तौर पर पत्रक डिजाइन किया गया है.
‘सशक्त महिलाएं, समान अधिकार’ नाम के इस दो पेज के पत्रक में ‘महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य विकास’ हेडिंग के तहत सरकार की ‘उपलब्धियां’ गिनाई गई हैं.
खास बात यह है कि इसमें अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र है. साथ ही महिला सुरक्षा की बात करते हुए प्रदेश के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की बात भी है. यूपी बीजेपी महिला मोर्चा में प्रभारी विजय बहादुर पाठक का कहना है, ”संवाद सबसे अच्छा और सशक्त माध्यम है. मोदी और योगी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है. महिलाओं को सुरक्षित भी किया है. पहले भी 1900 मंडलों में टीम बनाकर बैठकें हो चुकी हैं, अब इसे ड्रॉइंग रूम और बरामदे तक विस्तार देना है, जिससे सभी महिलाएं इसमें शामिल हो सकें.”
प्रियंका गांधी के ऐलान का है जवाब?
महिला मोर्चे की कार्यकर्ता इस अभियान के तहत महिलाओं तक पहुंचेंगी. 11 नवंबर तक यह अभियान चलेगा. उसके बाद शहरों में वॉर्ड और गांव में ग्राम पंचायत स्तर पर भी अभियान होंगे. महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को हर महिला तक पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है.
प्रियंका गांधी की रणनीति के जवाब की बात पर यूपी बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद गीता शाक्य कहती हैं, ”हमारा अभियान पहले से तय है… और प्रियंका गांधी को 5 वर्ष उत्तर प्रदेश याद नहीं आता सिर्फ चुनाव आने पर ही यूपी की याद आती है. जबकि बीजेपी शुरू से ही महिलाओं के विकास को लेकर काम करती रही है. बल्कि मैं तो कहूंगी अगर प्रियंका गांधी ऐसा कुछ कह रही हैं तो उन्होंने ये बीजेपी से ही सीखा है.”
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