Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के थाना रूरा के मड़ौली गांव में सोमवार को ग्राम समाज की जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. मृतक महिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित का आरोप है कि प्रशासन के लोगों ने गांव के कुछ लोगों के कहने पर उनके घर में आग लगवा दी. इस मामले में अब जमकर राजनीति हो रही है. मगर इस बीच जहां एक तरफ मां-बेटी की मौत से बवाल मचा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ कानपुर देहात के डीएम नेहा जैन इस समय ट्विटर पर टॉप ट्रेंड पर हैं. दरअसल, कानपुर अग्निकांड के बीच डीएम नेहा जैन एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में डीएम मशहूर गायक कैलाश खीर के गानों पर डांस करती हुईं नजर आ रही हैं.
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विस्तार से जानिए पूरा मामला
पिछले कुछ दिनों से कानपुर देहात महोत्सव चल रहा था. 13 फरवरी को महोत्सव का आखिरी दिन था. डीएम नेहा जैन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं थी. इस दौरान डीएम नेहा जैन ने स्टेज पर जमकर डांस किया, जिसका वीडियो अब खूब वायरल है. मगर अब डीएम के डांस की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है. और यही कारण है कि डीएम नेहा जैन ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रही हैं.
पहली फील्ड पोस्टिंग में डीएम नेहा जैन कब-कब चर्चा में रहीं?
कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन कई बार विवादों में घिरी रही हैं. बीते साल 12 दिसंबर को पुलिस कस्टडी में मौत का शिकार हुए व्यापारी बलवंत के मामले में भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने डीएम से कड़ी नाराजगी जताई थी. उनकी प्रशासनिक व्यवस्था पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए थे. डीएम पर सांसद ने आरोप लगाया था कि व्यवस्था पर उनका नियंत्रण नहीं है. इसके बाद कानपुर देहात महोत्सव में लगाई गई होर्डिंग में पीएम और सीएम की फोटो न लगाने पर सवाल उठाए गए थे. राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने इस पर डीएम को कठघरे में खड़ा किया था. अब मड़ौली गांव की घटना ने फिर डीएम की प्रशासनिक क्षमता पर उंगली उठाई है. वहीं, कानपुर देहात महोत्सव के आखिरी दिन डीएम नेहा जैन ने मंच पर कैलाश खेर के गाने पर ठुमके लगाए थे, जिसकी वजह से भी वह विवाद में आईं.
पीड़ित पक्ष ने FIR में क्या कहा?
मृतका के बेटे शिवम दीक्षित ने एफआईआर में बताया है कि विवादित जमीन उनके पास 100 से अधिक सालों से है. इस जमीन पर उनके बुर्जुर्गों ने बगीचा बनाया था. अब करीब 20 सालों से उनके माता-पिता इस जमीन पर पक्का मकान बनाकर रह रहे थे. शिवम ने एफआईआर में बताया कि बीती 14 जनवरी को एसडीएम मेथा पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूर्व में बिना नोटिस दिए मकान गिराने आए थे. जब एसडीएम से मकान गिराने संबंधी जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि ‘तुम्हारे ग्राम सभा के अशोक दीक्षित ने तुम्हारे खिलाफ ग्राम सभा कि जमीन पर अवैध पक्का निर्माण कर रहने हेतु में प्रार्थना पत्र दिया है.’ शिवम के अनुसार, उन्हें पूर्व में नोटिस-सूचना दिए बगैर और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी किए बिना ही उनका मकान गिरा दिया गया. तथा फूस का छप्पर जिसमें गोवंश-बकरियां बांधी जाती हैं, उसे छोड़ा दिया गया.
एफआईआर में शिवम के हवाले से बताया गया है कि इसके बाद वह अपने परिवार के साथ डीएम ऑफिस पहुंचे. आरोप है कि यहां पीड़ित परिवार की सुनवाई नहीं की गई और बल्कि परिवार के लोगों के खिलाफ थाना अकबरपुर में बलवा का मुकदमा लिखवा दिया गया और जेल भेजने की धमकी देकर वहां से भगा दिया गया.
घटना वाले दिन क्या हुआ?
शिवम द्वारा एफआईआर में दी गई जानकारी के मुताबिक, 12 फरवरी, सोमवार को दोपहर 3 बजे वह अपने माता-पिता और बहन के साथ झोपड़ी में आराम कर रहे थे. झोपड़ी के अंदर 22 बकरियां भी थीं. इस दौरान एसडीएम मैथा जानेश्वर प्रसाद, कानूनगो मैथा, ग्राम मडौली के लेखपाल अशोक सिंह, थाना रुरा के एसएचओ दिनेश कुमार गौतम अपने 12 से 15 पुरुष-महिला सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे. इनके साथ दीपक नामक जेसीबी ड्राइवर भी मौजूद था.
शिवम का आरोप है कि उनके माता-पिता और बहन को बिना सचेत किए ही झोपड़ी को गिरा दिया गया. शिवम का दावा है कि लेखपाल अशोक सिंह द्वारा आग लगवा दी गई और एसडीएम मैथा द्वारा कहा गया कि ‘आग लगा दो झोपड़ी में, कोई बचने न पाए.’ शिवम के अनुसार, किसी तरह से वह आग से बाहर निकले तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें पीटा और फिर से आग के हवाले करने की कोशिश की. इस हादसे में शिवम की मां और बहन की मौत हो गई जबकि उनके पिता बुरी तरह से झुलस गए. एफआईआर में शिवम ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
आपको बता दें कि मां-बेटी की मौत के मामले की जांच अकबरपुर इंस्पेक्टर को सौंपी गई है. अकबरपुर इंस्पेक्टर पीड़ित परिवार की ओर से दर्ज हुई एफआईआर की जांच करेंगे.
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