यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू हो रही हैं. इस बार परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं. नकल कराने वालों पर जहां, NSA के तहत कार्रवाई होगी वहीं पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं (answer copies) में बार कोंडिंग (bar coding) की गई है. बोर्ड परीक्षा की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ कोऑर्डिनेशन तीन महीने पहले से ही शुरू कर दिया था. यूपी पुलिस की एसटीएफ नकल माफियाओं पर नजर रखेगी.
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पहली बार यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोडिंग, राज्य स्तर पर दो कंट्रोल रूम
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए इस बार बड़ी तैयारी की गई है. पहली बार लखनऊ में एक की जगह दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. मुख्य कंट्रोल रूम से प्रदेश के सभी 8753 परीक्षा केंद्रों की मॉनिटरिंग होगी. कंट्रोल रूम में बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी रहेंगे. कंट्रोल रूम में प्रदेश के सभी मंडलों और जिलों के लिए अलग-अलग डेस्क बनाया गया है, जिसकी जिम्मेदारी अलग अलग स्टाफ की होगी. अपने कम्प्यूटर पर एक क्लिक के जरिए कंट्रोल रूम से ये कर्मचारी निर्धारित जिले की किसी भी परीक्षा केंद्र को देख पाएंगे.
इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर भी CCTV कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सम्भाल रहे संयुक्त शिक्षा निदेशक भगवती सिंह ने बताया कि ‘सिर्फ परीक्षा का कक्ष (examination hall) ही नहीं परीक्षा केंद्र का प्रवेश द्वार (entrance) और स्ट्रॉन्ग रूम (strong room) भी देखा जा सकेगा. सभी 75 जिलों में भी कंट्रोल रूम होंगे. जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ तालमेल रहेगा.’ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक करके यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल विहीन करने और पारदर्शिता से परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोडिंग की गई है. वहीं, उत्तर पुस्तिकाओं की सिलाई भी की गई है. संयुक्त शिक्षा निदेशक, यूपी बोर्ड भगवती सिंह कहते हैं ‘ये एक बड़ा कदम होगा, क्योंकि कॉपीज पर बार कोडिंग से आन्सर कॉपीज बदली नहीं जा सकेंगी.’
नकल कराने वालों पर एनएसए के तहत कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बैठक करते हुए कड़े निर्देश दिए हैं. ये माना गया है कि बोर्ड परीक्षा में नकल करवाना और शुचिता भंग करना न सिर्फ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है बल्कि पूरी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना है. इसके लिए सुनियोजित नकल पर NSA के तहत कार्रवाई होगी, तो नकल में शामिल मिलने पर कक्ष निरीक्षकों के खिलाफ भी FIR भी होगी. संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश भगवती सिंह का कहना है कि ‘जो लोग सुनियोजित नकल कराते पाए जाएंगे, उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. जबकि नकल करने वाले छात्रों पर पूर्व की भांति ही अनुचित साधनों (unfair means) का प्रयोग करने के तहत ही कार्रवाई होगी.’
आपको बता दें कि यूपी बोर्ड में इस बार 58 लाख 85 हजार 745 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें हाई स्कूल के छात्रों को संख्या 31 लाख 16 हजार 487 है, तो वहीं इंटरमीडीएट के परीक्षार्थियों की संख्या 27 लाख 69 हज़ार से 258 है. प्रदेश भर में परीक्षा कराने के लिए 8753 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. पहले के वर्षों में नकल में पकड़े गए परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. यूपी बोर्ड परीक्षा 4 मार्च तक चलेंगी.
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