‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023’ से सम्मानित हुईं फतेहपुर की आशिया, जानें इनकी प्रेरक कहानी
Fatehpur News: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में फतेहपुर की आशिया फारुखी नामक शिक्षिका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू…
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Fatehpur News: 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में फतेहपुर की आशिया फारुखी नामक शिक्षिका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023’ से सम्मानित किया. आपको बता दें कि आशिया फारुखी फतेहपुर जिले के तेलियानी ब्लॉक में स्थित प्राथमिक विद्यालय अस्ती की प्रधानाध्यापिका हैं. बता दें कि शिक्षण कार्य, अनुशासन, नवाचार, नामांकन आदि सभी पैरामीटर के आधार पर आशिया फारुखी का इस अवॉर्ड के लिए चुनाव हुआ. आशिया को यह अवॉर्ड मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी.
सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, “मा. राष्ट्रपति जी द्वारा आज नई दिल्ली में जनपद फतेहपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, अस्ती की प्रधानाध्यापिका सुश्री आशिया फारूकी जी को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023’ से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई! शिक्षा के प्रसार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आपका योगदान अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायी है. आपको उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएं.”
मा. राष्ट्रपति जी द्वारा आज नई दिल्ली में जनपद फतेहपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, अस्ती की प्रधानाध्यापिका सुश्री आशिया फारूकी जी को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023' से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई!
शिक्षा के प्रसार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आपका योगदान अन्य शिक्षकों के… pic.twitter.com/a6IE6dDIjV
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 5, 2023
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अनोखी शिक्षण शैली के लिए जानी जाती हैं आशिया
आशिया फारुखी अपनी अनोखी शिक्षण शैली के लिए विद्यार्थियों के बीच जानी जाती हैं. आशिया फारुखी ने साल 2009 में हथगाम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बुशहरा में बतौर सहायक शिक्षिका तैनाती पाई. इसके बाद 2016 में फतेहपुर नगर क्षेत्र के अस्ती प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर जॉइन किया. आशिया ने सरकारी संसाधनों का समुचित उपयोग कर नवाचार के दम पर विद्यालय का कायाकल्प किया. उन्हें शिक्षिका को उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है: आशिया
आशिया फारुखी ने कहा, “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है. कड़ी मेहनत ही सफलता का एकमात्र माध्यम होता है. एकल शिक्षिका होने के बावजूद समाज को जोड़ते हुए अभिभावकों और वॉलिंटियर के सहयोग से विद्यालय को यहां तक पहुंचाया है. 2009 में फतेहपुर जिले मे जॉइन करने के बाद चार विद्यालयों में काम कर चुकी हूं और सभी विद्यालयों को फर्श से अर्श तक ले जाने का पूरा प्रयास किया.”
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