अयोध्या में राम मंदिर बनाते समय सेफ्टी का कितना ख्याल रखा गया ये तो अब पता चला
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान सेफ्टी का कितना ध्यान रखा गया, इसका खुलासा अब हुआ है. राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ने दुनिया भर में सुरक्षा के लिए एक मानक स्थापित किया है.
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राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ने दुनिया भर में सुरक्षा के लिए एक मानक स्थापित किया है. बड़े-बड़े पत्थरों के साथ दिन-रात लगातार काम करने के बावजूद, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाली कोई दुर्घटना नहीं हुई.
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यह जानकारी राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के एक पदाधिकारी ने दी है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ब्रिटिश सुरक्षा परिषद ने बिल्डर को 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' प्रदान किया, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने गोल्डन ट्रॉफी प्रदान की.
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विशेषज्ञों के अनुसार यह सम्मान मंदिर निर्माण के दौरान लागू किये गये नये उत्कृष्ट सुरक्षा के उपायों को दर्शाता है. यह पुरस्कार वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुपालन और सावधानीपूर्वक योजना और निष्पादन का प्रमाण है, जो इसे विश्व स्तर पर अन्य निर्माण परियोजनाओं के लिए एक मॉडल बनाता है.
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पारंपरिक नागर शैली में निर्मित राम जन्मभूमि मंदिर 380 (पूर्व-पश्चिम) 250 फीट की चौड़ाई में फैला है और 161 फीट ऊंचा है.
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इसमें 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं. यह पूर्व की ओर है और इसमें 32 सीढ़ियों वाला एक भव्य प्रवेश द्वार है। सभी मापदंडों पर पांच सितारा रेटिंग प्राप्त करने वाले निर्माण ही प्रतियोगिता में प्रवेश के लिए योग्य हैं.
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चंपत राय ने कहा, 'रोज आने वाले हजारों भक्तों को समायोजित करते हुए निर्बाध निर्माण को बनाए रखना महत्वपूर्ण चुनौतियां प्रस्तुत करता है, फिर भी, शुरुआत से ही असाधारण सावधानियों को लागू किया गया था, और सब कुछ ईश्वरीय कृपा से सुचारू रूप से आगे बढ़ा.'
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