यूपी में एक एकड़ में कितना बीघा होता है? दूसरे राज्यों से कितना है फर्क, पूरा हिसाब जानिए
उत्तर प्रदेश में किसान परिवार से आने वाले लोगों में बीघा का क्रेज कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है. आप अगल बीघा शब्द से अनजान हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जमीन नापने का एक लोकप्रिया पैमाना है,
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UP News: उत्तर प्रदेश में किसान परिवार से आने वाले लोगों में बीघा का क्रेज कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है. आप अगल बीघा शब्द से अनजान हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जमीन नापने का एक लोकप्रिया पैमाना है, जिसे हिंदी पट्टी के राज्यों जैसे यूपी, बिहार में बहुतायत मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. जमीन की नाप लेने की तमाम इकाई होती हैं. बीघा के अलावा एकड़, हेक्टेयर, गज, स्कॉवयर मीटर, स्कॉवयर फीट जैसी तमाम इकाइयों में जमीन को नापा जाता है. बीघा भारत में स्थानीय तौर पर जमीन मापन की इकाई है, वैश्विक रूप से इसकी मान्यता नहीं है.
बीघा क्या होता है? क्या बीघा हर जगह बराबर होता है?
जैसा कि हम आपको ऊपर ही बता चुके हैं कि लंबे समय से भारत के हिंदी भाषी प्रदेशों में जमीन नापने के लिए खासतौर से बीघे के मापन का इस्तेमाल होता है. अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या हर प्रदेश में बीघा एक समान होता है? इसका जवाब है ना. एक बीघे में आने वाला जमीन का टुकड़ा हर प्रदेश में अलग-अलग होता है.
यहां यह भी लोग जानना चाहते हैं कि आखिर एक एकड़ में कितना बीघा आता है?
बीघे की परिभाषा में क्षेत्रीय अंतर के कारण पूरे भारत में बीघे और एकड़ के बीच रूपांतरण में काफी भिन्नता है. उत्तर प्रदेश (यूपी) में एक एकड़ में करीब 1.6 बीघा होता है. हालांकि यह पूरे राज्य के लिए भी एकरूप यानी बराबर नहीं है. राज्य के कुछ हिस्सों में इसमें थोड़ी कमी या बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है. बीघे की माप पूरे भारत में ही एक समान नहीं है. उदाहरण के लिए आप नीचे दिए राज्यों के हिसाब से देख सकते हैं...
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- पश्चिम बंगाल में एक एकड़ लगभग 3 बीघे के बराबर होता है.
- पंजाब और हरियाणा में एक एकड़ लगभग 4 बीघे के बराबर होता है.
- राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में एक एकड़ 1.6 से लेकर करीब 3 बीघे तक हो सकता है.
ये फर्क इसलिए देखने को मिलता है क्योंकि बीघा जमीन मापने की एक पारंपरिक इकाई है. मॉर्डन मापकों से आने के पहले से इसका इस्तेमाल होता रहा है. हर इलाके में एक बीघे की परिभाषा स्थानीय कृषि पद्धतियों, उगाई जाने वाली फसलों के प्रकार और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी निर्भर करती है.
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अब जानिए कहां से आया एकड़?
जमीन मापने की इकाई के रूप में एकड़ का इस्तेमाल मध्ययुगीन इंग्लैंड में हुआ. शब्द "एकड़" क्लासिकल अंग्रेज़ी "एसर" से आया है, जिसका अर्थ है एक क्षेत्र. ऐतिहासिक रूप से एक एकड़ को उस क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया था जिसे बैलों की जोड़ी एक दिन में जोत सकती थी. इस इकाई को बाद में 43,560 स्कॉवयर फीट के रूप में स्टैंडर्डराइज किया गया है. अब इसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से अमेरिका, कनाडा और भारत के कुछ हिस्सों में भूमि लेनदेन और कृषि योजनाओं के लिए किया जाता है.
भारत ने एकड़ की इकाई को कब अपनाया?
इसकी शुरुआत तब हुई जब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था. ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने अपने शासनकाल के दौरान भारत में एकड़ की शुरुआत की. यानी करीब 18 वीं शताब्दी में इसकी शुरुआत मानी जा सकती है. ब्रिटिशों ने प्रशासन और कराधान को सुव्यवस्थित करने के लिए भूमि माप को स्टैंडर्ड बनाने की कोशिश की ताकि कृषि भूमि से राजस्व का आकलन करना और उसे एकत्र करना आसान हो सके. इसके बाद से ही बीघा जैसी परंपरागत इकाइयों के साथ एकड़ का भी इस्तेमाल चलन में आया.
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एकड़ को बीघे में ऑनलाइन कैसे कन्वर्ट करें?
अगर आप एकड़ को बीघे में या बीघे को एकड़ में कन्वर्ट करना चाहते हैं, तो ये कोई मुश्किल काम नहीं. आप ऑनलाइन सर्च करेंगे तो तमाम वेबसाइट्स है, जो इसका ऑनलाइन कन्वर्टर उपलब्ध कराती हैं. ऐसी ही एक वेबसाइट है हाउसिंग डॉट कॉम. इस लिंक पर विजिट करके आप सिर्फ यूपी ही नहीं अलग-अलग राज्यों के हिसाब से भी कन्वर्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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