आजम खान की सदस्यता क्यों रद्द की? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब

संजय शर्मा

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ सपा नेता आजम खान की याचिका पर राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर यूपी सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है. आजम खान को पिछले दिनों स्थानीय कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

आजम खान ने अपनी विधायकी को अयोग्य ठहराने को सुप्रीम कोर्ट  में चुनौती दी है. इस मामले में सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ सपा नेता आजम खान की याचिका पर राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है.

आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनावई बुधवार यानि 9 नवबंर को होगी. गौरतलब है कि आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.

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वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अब्दुल्ला आजम की ओर से दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को आधिकारिक रिकॉर्ड में उनकी जन्मतिथि में गड़बड़ी के कारण अयोग्य घोषित किया गया था. बता दें कि साल 2017 के यूपी चुनाव में अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले की सुआर विधानसभा सीट से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया था.

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