मुलायम सिंह ने बतौर देश के रक्षा मंत्री कौन-कौन से काम किए? उनके बड़े फैसले क्या थे? जानें

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नेता जी (Mulayam Sigh Yadav News) नहीं रहे पर वो ऐसा कुछ कर गए जो अब सब याद कर रहे हैं. देश के रक्षामंत्री के पद पर रहते हुए नेताजी ने पाकिस्तान और चीन को लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं जो आज सभी मान रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नेताजी ने तभी कहा था कि जितना पाकिस्तान से खतरा नहीं है उससे ज्यादा चीन से खतरा है. पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन है. आज के समय में जब भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है, ऐसे में मुलायम सिंह की यह बात प्रासंगिक लगती है. हम आपको बताते हैं बतौर रक्षामंत्री नेताजी के वो काम और बड़े फैसले जो आज भी याद किए जाते हैं.

मीडिया में जुलाई 2017 में छपी खबरों के मुताबिक मुलायम ने भारत सरकार को चीन के प्रति आगाह किया था. मुलायम सिंह समय-समय पर कहते रहे हैं कि चीन कभी भी भारत का दोस्त नहीं बन सकता.उन्होंने यहां तक कहा कि चीन ने तो पं. जवाहलाल नेहरू को भी धोखा दिया था. चीन से सावधान हो जाइए, वह नहीं मानेगा. पाकिस्तान से संबंध रखिए, चीन से नहीं. चीन ने पाकिस्तान से गठजोड़ कर लिया है जबकि पाकिस्तान से हमें दोस्ती करनी चाहिए.

हमें पाकिस्तान को छोटा भाई मानकर संबंध उनसे संबंध रखना चाहिए. डोकलाम विवाद के बाद लोकसभा में बहस के दौरान मुलायम सिंह यादव ने दो टूक कहा था कि आज भारत का सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान नहीं चीन है. उन्होंने पूर्व सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि तिब्बत को सौंपना भारत की बड़ी भूल थी.

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मुलायम सिंह ने कहा- जब मैं रक्षामंत्री था तब…

मई 2017 में मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के मुताबिक मुलायम ने कहा था कि जब मैं रक्षामंत्री था तब हमने पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को मारा था. उस समय सेना ने अरुणाचल प्रदेश से लेकर पठानकोट तक कार्रवाई कराई थी. पाकिस्तान की सीमा में घुसकर फायरिंग करवाई थी. हम रक्षामंत्री थे, तो हमारी एक इंच जमीन पर किसी ने कब्ज़ा नहीं किया.

नेताजी के बड़े काम और फैसले

रक्षा मंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव रक्षा प्रतिष्ठानों के पत्राचार में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं.

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पृथ्वी और अग्नि मिसाइल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का वादा किया था. – वेतन आयोग की सिफारिशों पर सशस्त्र बलों की शिकायतों को लिया था.

एलओसी फायरिंग के दौरान पाकिस्तान को आगाह करते हुए कार्रवाई में शहीद हुए जवानों के परिवारों से मिले.

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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने का संकल्प लिया.

शहीदों के पार्थिव शरीर पत्नी देख पाती हैं क्योंकि…

नेताजी के कारण ही शहीद पतियों के पार्थिव शरीर को आखिरी बार पत्नी देख पाती हैं. परिवार देख पाता है. उनका अंतिम संस्कार कर पाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुलायम जब रक्षा मंत्री बने थे तब शहीद सैनिकों के अंतिम संस्कार का इंतजाम कराया था. पहले सैनिक के घर उसकी टोपी, मेडल ही जाती थी और बैरक में उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता था. यह व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. मुलायम सिंह ने विधवाओं को पति के अंतिम दर्शन की व्यवस्था की थी.

जब बोफोर्स मामले को नरम कर दिया था…

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुलायम सिंह यादव ने दावा किया कि उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार (1996-98) में रक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बोफोर्स मुद्दे को नरम कर दिया था. उन्होंने देखा कि तोपखाने की तोपें कितनी अच्छी तरह काम कर रही हैं. शक्तिशाली बोफोर्स तोपखाने की शुरुआत करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पहली बार बोफोर्स तोपों की गोलीबारी देखी, तो मेरे दिमाग में पहला विचार यह आया कि राजीव ने अच्छा काम किया. यही कारण था कि मैंने इस मुद्दे को सॉफ्ट-पेडल किया.’

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