यूपी में पुलिस भर्ती, RO/ARO का पेपर लीक कराने में ये लड़की भी शामिल, शिवानी की कहानी अब खुली

संतोष शर्मा

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UP Police Recruitment, RO/ARO paper leak representative image
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UP Police, RO/ARO paper leak: इस वक्त देश में NEET परीक्षा में कथित धांधली का मुद्दा गरमाया हुआ है. इस मामले की अब सीबीआई जांच हो रही है. पिछले दिनों सरकार को नेट परीक्षा भी कैंसिल करनी पड़ी और गड़बड़ियों की आशंका को लेकर इसकी जांच भी सीबीआई को सौंपनी पड़ी. यूपी के लाखों स्टूडेंट्स इन गड़बड़ियों से प्रभावित हुए हैं. इस बीच यूपी में पहले ही लीक हो चुके यूपी पुलिस भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर को लेकर एक अहम खुलासा हुआ है. इन पेपर लीक्स की एक महत्वपूर्ण कड़ी में लेडी गैंग मेंबर की जानकारी भी सामने आई है. 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर 8 दिन पहले ही पेपर लीक करने वाले गैंग के पास पहुंच चुका था. प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक कराने वाले इस गैंग में मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ 4 इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर कर चुके नौजवान भी थे. यूपीएसटीएफ ने RO/ARO पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ उसके सबसे करीबी सुभाष प्रकाश और विशाल दुबे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस गैंग की दूसरी महत्वपूर्ण कड़ी लेडी गैंग मेंबर अभी भी फरार है. 

UPSTF के खुलासे से क्या पता चला? 

यूपीएसटीएफ ने 11 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ /एआरओ भर्ती परीक्षा पेपर लीक में महत्वपूर्ण खुलासा किया है. सबसे पहले पेपर दो अलग-अलग जगह से लीक हुआ. एक भोपाल की उस प्रिंटिंग प्रेस से जहां से पेपर की छपाई हुई और दूसरा प्रयागराज का वह परीक्षा केंद्र जहां पर परीक्षा वाले दिन सुबह पेपर पहुंचा लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले लीक हुआ. 

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यूपीएसटीएफ परीक्षा केंद्र से पेपर लीक नेटवर्क में प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापक विनीत यशवंत समेत 10 आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है. इस नेटवर्क के बारे में कहा गया की 11 फरवरी को जब पेपर ट्रेजरी से सुबह 6:30 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचा तो विनीत यशवंत की मदद से पेपर लीक कराने वाले गैंग में शामिल कमलेश कुमार पाल उर्फ केके ने मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर लीक किया था.  यूपी एसटीएफ ने भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर हासिल करने वाले गैंग के छह लोगों को गिरफ्तार किया तो पूरा नेटवर्क सामने आ गया.  

ये महत्त्वपूर्ण खुलासे हुए 

पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा था. पेपर लीक कराने वाला राजीव नयन मिश्रा भी जेल से छूटने के बाद भोपाल में ही रहने लगा था. राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे और सुनील रघुवंशी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसमें विशाल दुबे और प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी ने 2014-2017 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग साथ में पढ़ाई की थी. सुभाष प्रकाश इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा. राजीव और विशाल दुबे बीटेक करने के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों का एडमिशन करवाने लगे.  

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इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के धंधे के चलते ही राजीव नयन मिश्रा और विशाल दुबे की मुलाकात सुभाष प्रकाश से हुई. राजीव के साथ काम कर रहे विशाल दुबे को पता चला उसके इंजीनियरिंग का दोस्त सुनील रघुवंशी भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है. विशाल ने इसकी जानकारी राजीव को दी तो राजीव ने विशाल से कहा कि वह सुनील के संपर्क में रहे. प्रिंटिंग प्रेस में अगर कोई पेपर छपने आए तो पैसों का लालच देकर पेपर लीक करने में मदद के लिए तैयार करो.  

विशाल दुबे ने कम समय में बड़ा हाथ मारने का लालच और सपना दिखाकर सुनील रघुवंशी को अपने नेटवर्क में शामिल कर लिया. जनवरी के आखिरी सप्ताह में सुनील रघुवंशी ने बताया कि एक पेपर आया है जिसमें एक पेपर में 140 सवाल है और दूसरे में 60 सवाल हैं. विशाल दुबे ने इसकी जानकारी राजीव नयन मिश्रा और सुभाष प्रकाश को दी. राजीव और सुभाष खुद RO/ARO की भर्ती पर नजर गड़ाए थे और सुभाष प्रकाश ने खुद इसका फॉर्म भरा था तो उसे पता था की इस परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 140 सवाल और हिंदी के 60 सवाल पूछे जाने हैं. सवालों की संख्या देखकर तय हो गया कि यह समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का ही पेपर है.  

बात प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लाने की हुई तो सुनील रघुवंशी ने 10 लाख रुपए की डिमांड की साथ ही भोपाल में ही कैंडिडेट को पेपर पढ़वाने की शर्त रखी. राजीव और विशाल दुबे इसके लिए तैयार हो गए और प्लान के मुताबिक 3 फरवरी 2024 यानी परीक्षा से पूरे 10 दिन पहले सुनील रघुवंशी प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर से ठीक करवाने का झांसा देकर 180 सवालों की खराब हो चुकी बुकलेट को वाटर बोतल में छुपा कर बाहर ले आया और पेपर घर में रख दिया.  

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भोपाल के होटल में लाए गए कैंडिडेट्स

पेपर हाथ में आ गया तो कैंडिडेट इकट्ठा किए जाने लगे और 8 फरवरी 2024 को भोपाल के होटल कोमल में सभी कैंडिडेट्स लाए गए. राजीव नयन मिश्रा ने हर कैंडिडेट से ₹12 लाख में पेपर बेचना तय किया. 8 फरवरी को विशाल दुबे अपने अन्य दोस्त संदीप पांडे को लेकर होटल पहुंचा. सुनील रघुवंशी पेपर की 6/6 फोटो कॉपी कराकर होटल पहुंचा. विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा परीक्षार्थियों को लेकर होटल पहुंचे तो वही सुभाष प्रकाश गाइड और किताबों को लेकर सवालों को हल कर कैंडिडेट्स को देने के लिए पहुंचा.  

होटल से ही सुभाष प्रकाश ने क्वेश्चन पेपर की मोबाइल से फोटो खींचकर राजीव नयन मिश्रा को भेज दी.  ज्यादा पैसा कमाने के लालच में राजीव नयन मिश्रा ने यह पेपर प्रयागराज और दिल्ली में बैठे पेपर लीक गैंग के दूसरे नेटवर्क को भेज दिए. इस दूसरे नेटवर्क में डॉक्टर शरद पटेल, सौरभ शुक्ला, अमित सिंह, यूपी पुलिस का बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह, कामेश्वर, रवि अत्री और पुष्कर शामिल थे.  सुभाष प्रकाश ने खुद 11 फरवरी को RO/Aro भर्ती का यह पेपर वाराणसी में दिया थाय. 

सिपाही भर्ती परीक्षा में राजीव नयन मिश्रा और रवि अत्री की गिरफ्तारी के बाद से ही सुभाष प्रकाश के बारे में जानकारी मिल गई थी एसटीएफ ने आयोग से सुभाष प्रकाश की वह बुकलेट भी निकल ली जो उसने परीक्षा में भरी थी. जांच से जुड़े पुलिस के एक अफसर की मानें तो अगर यह पेपर लीक नहीं होता तो सुभाष प्रकाश इस परीक्षा को आसानी से पास कर समीक्षा अधिकारी जरूर बन जाता.  एसटीएफ की मानें तो 8 फरवरी को भोपाल के होटल में परीक्षार्थियों को पेपर देने के बाद राजीव नयन मिश्रा के मोबाइल से 9 फरवरी को यूपी के पेपर लीक कराने वाले नेटवर्क को दिया गया और वहीं से पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. एसटीएफ को सुभाष प्रकाश के बरामद आईफोन से उस पेपर की तस्वीर भी मिली है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. 

पेपर लीक के इस गैंग में शामिल लड़की कौन? 

सिपाही भर्ती  और RO/ARO पेपर लीक के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा की महिला मित्र अभी भी पुलिस के लिए पहेली बनी है. राजीव नयन मिश्रा के पेपर लीक के धंधे से हो रही करोड़ों की कमाई को उसकी महिला दोस्त शिवानी ही हैंडल करती है. राजीव नयन मिश्रा को किससे कितना पैसा लेना है? कैसे लेना है? वह पैसा किसको कितना बंटना है? इन सबका हिसाब-किताब शिवानी रखती थी. शिवानी राजीव नयन मिश्रा के साथ भोपाल में ही रहती थी, लेकिन एसटीएफ की ताबड़तोड़ कार्रवाई और राजीव नयन की गिरफ्तारी के बाद से शिवानी फरार है.  

इस खुलासे से साफ हो गया यूपी की जिन दो बड़ी परीक्षाओं सिपाही भर्ती और RO/ARO भर्ती के पेपर लीक हुए, उसे राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री और सुभाष प्रकाश ने ही अंजाम दिया था. हर परीक्षा के लिए कैंडिडेट लाने के लिए अलग-अलग नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ. जैसे सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का नेटवर्क इस्तेमाल हुआ. RO/ARO भर्ती परीक्षा के लिए यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और स्कूल संचालक डॉक्टर शरद पटेल का नेटवर्क इस्तेमाल हुआ. 

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