यूपी में क्या ऐसे नतीजे आएंगे कि 20 साल बाद दिखेगा 2004 जैसा क्षण? INDIA के इस दावे को समझिए
Lok Sabha Election 2024 : बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों का तो देश भर में 400 सीटों का टार्गेट रखा हुआ है. पांच चरण के चुनाव के बाद इस दांवे में कितनी सच्चाई है? इसको लेकर कांग्रेस नेता ने बड़ बयान दिया है.
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Lok Sabha Election 2024 : बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों का तो देश भर में 400 सीटों का टार्गेट रखा हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों यह लगातार दावा कर रहे हैं कि बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में अपना ये लक्ष्य हासिल कर रही है. वहीं विपक्ष की ओर से जनता को बताया जा रहा है कि अगर एनडीए को 400 सीटों मिल गईं तो सरकार क्या क्या कर सकती है. दांवों और संभावनाओं के बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बड़ा दावा किया है.
नतीजों के पहले बड़ा दावा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि, आगामी जून को लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को स्पष्ट जनादेश मिलने के साथ ही ‘2004 जैसा क्षण’ देखने को मिलेगा. इस गठजोड़ के शानदार प्रदर्शन का एक कारण उत्तर प्रदेश में होने वाला बहुत प्रभावशाली बदलाव है.
जयराम रमेश ने PTI को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सांप्रदायिक पिच तैयार कर रहे थे लेकिन उनकी पार्टी ने इस पर खेलने से इनकार कर दिया और उनकी गुगली और बाउंसर को भी विफल कर दिया. उन्होंने दावा किया कि चार जून को नतीजे वाला दिन ‘‘2004 के क्षण’’ की याद दिलाएगा जब भारतीय जनता पार्टी अपने ‘इंडिया शाइनिंग’ अभियान के बावजूद सत्ता से बेदखल हो गई थी.
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2004 जैसा क्षण...
कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'यह 2004 का क्षण है, आप देखेंगे. लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा. मुझे आपको याद दिलाना होगा कि 2004 के चुनाव के नतीजे 13 मई, 2004 को आए थे. 17 मई तक यह स्पष्ट हो गया था कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. इस बार यह और भी जल्दी हो सकता है. वैसे यह भारत में चुनाव कोई सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है या फिर कोई 'कौन बनेगा पीएम' नहीं है, यह इस बारे में है कि किस गठबंधन को जनादेश मिलेगा.’
20 साल बाद बदलाव का दावा
जय रामरमेश ने कहा कि , ‘हम एक दल केंद्रित लोकतंत्र हैं. हम अमेरिकी प्रणाली की तरह नहीं हैं, यह व्यक्तियों के बीच एक सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है, यह पार्टियों के बीच का एक चुनाव है। यह 2004 का क्षण है. 1962 में वहीदा रहमान और विश्वजीत अभिनीत फिल्म ‘बीस साल बाद’ आई थी... 2004 में जो हुआ, ‘बीस साल बाद’, आप उसे दोहराते हुए देखेंगे.’ रमेश ने यह दावा किया कि उत्तर प्रदेश में आश्चर्यजनक बदलाव आएगा.
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कांग्रेस महासचिव ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट होने का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को प्रयागराज, वाराणसी, प्रतापगढ़, लखनऊ, अमेठी, रायबरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद और अमरोहा जैसी जगहों पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवा, महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी यात्रा के समर्थन में सामने आए थे.
प्रशांत किशोर ने बताई ये बात
प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से किए गए एक खास बातचीत में बताया कि , 'बीजेपी को 2019 में 303 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार भी उन्हें इसके आसपास ही सीट मिलेंगी. वो कह रहे हैं कि बीजेपी को 370 पार और NDA को 400 पार सीटें आएंगी, ऐसा नहीं होने वाला है. उन्हें 270 से कम नहीं और 370 तो बिल्कुल नहीं मिलने वाली.' वहीं उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहेगा? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, 2014 के मुकाबले बिहार और यूपी मिलाकर भाजपा को करीब 25 सीटों का नुकसान 2019 में झेलना पड़ा था. 2019 में बसपा और सपा के साथ लड़ने से भाजपा 73 से घटकर 62 सीटों पर आ गई थी. तो ऐसे में अगर विपक्ष यह मानकर चलेगा कि इस बार भाजपा को 20 सीटों का नुकसान हो रहा है तो ऐसे में भी विपक्ष भाजपा को बहुत ज्यादा चोट नहीं पहुंचा पाएगा.'
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(भाषा इनपुट के साथ)
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