वासुदेव गुप्ता ने अयोध्या कारसेवा में खाई थी पहली गोली, बेटी की दर्दभरी कहानी इमोशनल कर देगी

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन भारतीय इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. इस आंदोलन ने जहां देश की सियासत को बदल कर रख दिया तो वहीं इसने कई लोगों की जिंदगी को भी बदल दिया. दरअसल 1990 में अयोघ्या में कारसेवकों पर पुलिस ने गोलियां चलाई थी. इस दौरान कई कारसेवकों की मौत हो गई थी. उनमें से एक कारसेवक अयोध्या में रहने वाले वासुदेव गुप्ता भी थे. इन कारसेवकों के बलिदान की बदौलत राम मंदिर आंदोलन पूरे देश में उग्र हो गया और इसे जन-जन का समर्थन मिलने लगा.

पहली गोली वासुदेव गुप्ता को लगी

बता दें कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोलियां चलाने के आदेश दिए तो पहली गोली वासुदेव गुप्ता को जाकर लगी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी. वासुदेव गुप्ता की मौत के बाद उनकी पत्नी और बच्चे भी कारसेवा में उतर आए. मगर वासुदेव गुप्ता का परिवार इस घटना के बाद कभी उभर नहीं पाया और आर्थित तौर पर बुरी तरह से टूट गया.

खडंहर बन चुके मकान में रहता है परिवार 

अब वासुदेव गुप्ता की बेटी पिता के खडंहर हो चुके मकान में रहती हैं. मकान पूरी तरह से टूट चुका है. वासुदेव गुप्ता की बेटी सीमा गुप्ता किसी तरह से चाय की दुकान खोलकर अपना और अपने बचे हुए परिवार का पालन पोषण करती हैं.

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सीमा गुप्ता का कहना है कि उनकी चाय की दुकान उनके दुश्मनों ने तोड़ दी है. ये दुकान उनके पिता की थी. घर का पूरा खर्च इसी चाय की दुकान से चलता था. अब जब दुकान टूट गई है तो अब कुछ भी नहीं बचा है.

नहीं करवा पाए मां-भाई और बहन का इलाज 

सीमा गुप्ता बताती हैं कि परिवार में माता-पिता और हम 3 बहनें और 2 भाई थे. कारसेवा के दौरान पिता की मौत हो गई. इससे हम टूट गए. धीरे-धीरे परिवार की माली हालत खराब होती चली गई. मां, एक बहन और एक भाई का बीमारी के चलते निधन भी हो गया. अब परिवार में हम 2 बहनें और 1 भाई बचा है. इसी चाय की दुकान से हमारा खर्चा चलता है, जिसे तोड़ दिया गया है. 

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अब SDM ने दिया मदद का भरोसा

बता दें कि वासुदेव गुप्ता के परिवार की हालत पर हमारे सहयोगी आज तक ने खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद अयोध्या का प्रशासन हरकत में आया है. बता दें कि अब एसडीएम ने वासुदेव गुप्ता की बेटी सीमा गुप्ता से उनके घर जाकर मुलाकात की है. एसडीएम ने परिवार की हर सहायता का भरोसा दिया है तो वही टूटी हुई दुकान को फिर से खड़ा करने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिया है. 

बता दें कि कारसेवा के दौरान अयोध्या में कई राम भक्त कारसेवकों की मौत हुई थी. इसमें कोठारी भाई भी शामिल थे. दोनों कोठारी बंधु कारसेवा करने अयोध्या आए थे. मगर दोनों को पुलिस ने गोली मार दी थी. 

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