अयोध्या में जमीन के सर्किल रेट में होगा बदलाव, कीमतें घटेंगी या बढ़ेंगी? यहां जानिए

बनबीर सिंह

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अयोध्या का रामपथ
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अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ ही शहर में तेजी से विकास हो रहा है. इसी के साथ ही यहां की जमीनों के बाजार मूल्य में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जमीन के रेट जो पहले सामान्य थे, अब आसमान छू रहे हैं. इस बीच, अयोध्या में सर्किल रेट में भी संशोधन की प्रक्रिया चल रही है, जिससे जमीन की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है. यह बदलाव लगभग 7 साल बाद हो रहा है, और इसका सीधा असर जमीन की खरीद-फरोख्त पर पड़ेगा.

सर्किल रेट में होने वाले इस बदलाव के बाद जमीन खरीदना महंगा हो जाएगा. जब सर्किल रेट बढ़ता है, तो जमीन की कीमत भी बढ़ जाती है क्योंकि यह न्यूनतम दर होती है जिस पर किसी क्षेत्र में जमीन की खरीदी-बिक्री होती है. सर्किल रेट के आधार पर ही स्टांप शुल्क की गणना होती है, जो जमीन खरीदने या बेचने पर देना पड़ता है. राज्य सरकार द्वारा तय सर्किल रेट, संपत्ति के वित्तीय मूल्यांकन में भी अहम भूमिका निभाता है. 

 

 

यहां यह समझना जरूरी है कि सर्किल रेट और बाजार रेट में अंतर होता है. सर्किल रेट वह सरकारी मूल्य है जो स्थिर रहता है, जबकि बाजार रेट मांग और आपूर्ति के आधार पर दिन-प्रतिदिन बदलता रहता है. बाजार रेट आर्थिक परिस्थितियों, क्षेत्रीय मांग और कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है. वहीं, सर्किल रेट एक निश्चित अवधि तक स्थिर रहता है और उसके बाद ही इसमें बदलाव किया जाता है. 

अयोध्या में सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव के बाद, उपनिबंधक कार्यालय ने जमीनों के दस्तावेजों का अध्ययन किया और विभिन्न क्षेत्रों के लिए सर्किल रेट की गणना की. इस प्रक्रिया में अयोध्या के राजस्व विभाग के लेखपालों ने अपनी रिपोर्ट भी भेज दी है.  इस रिपोर्ट के आधार पर सर्किल रेट में संभावित वृद्धि का आकलन किया गया है. 

 

 

इस मामले में 4 सितंबर तक लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं, जिन्हें सब रजिस्ट्रार कार्यालय, तहसील कार्यालय और सहायक महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में दर्ज कराया जा सकता है. आपत्तियां दर्ज होने के बाद एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अयोध्या के डीएम, कमिश्नर और निबंधन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक में आपत्तियों का निपटारा किया जाएगा और सुझावों पर विचार किया जाएगा.

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अयोध्या सदर क्षेत्र के एसडीएम विकास धर दूबे ने बताया कि सर्किल रेट निर्धारण की प्रक्रिया में अभी डेढ़ महीने से अधिक का समय लगेगा. कई प्रक्रियाएं अभी भी बाकी हैं. एक बार जब उच्च अधिकारी किसी निर्णय पर पहुंचेंगे, तो संबंधित आदेश अयोध्या के सहायक महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय को भेजा जाएगा. इसके बाद ही नई सर्किल रेट के अनुसार संपत्ति की खरीद-बिक्री शुरू होगी.

 

 

सर्किल रेट में बदलाव का एक बड़ा लाभ उन किसानों को भी मिलेगा, जिनकी जमीनें विकासात्मक परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जा रही हैं. नई दरों के अनुसार, इन किसानों को मुआवजे के रूप में अधिक राशि मिलेगी, जो उनके लिए फायदेमंद साबित होगी.

इस पूरी प्रक्रिया के बाद अयोध्या में जमीनों के बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिलेगी. सर्किल रेट बढ़ने से जमीनों की कीमतों में इजाफा होगा, जिससे न सिर्फ खरीदारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, बल्कि उन लोगों के लिए भी चुनौती होगी जो यहां निवेश करना चाहते हैं. अयोध्या का तेजी से हो रहा विकास और श्री राम मंदिर का निर्माण इसे निवेशकों के लिए एक प्रमुख स्थल बना रहा है. ऐसे में सर्किल रेट का संशोधन और बाजार में आने वाला उछाल भविष्य में और भी बड़े बदलावों का संकेत दे रहा है. 

 

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