अयोध्या के राम मंदिर में भी आए थे तिरुपति के जानवरों की चर्बी वाले लड्डू? अंदर की कहानी जान लीजिए

बनबीर सिंह

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Tirupati Laddoo Controversy
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Tirupati Laddoo Controversy: विश्व प्रसिद्ध और आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक तिरुपति के लड्डू में इस्तेमाल घी में "बीफ टैलो" से संबंधित रिपोर्ट के बाद अयोध्या में भी हड़कंप मच गया है. दावा यह भी किया जा रहा है कि तिरुपति लड्डू श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी आया था. यही नहीं अयोध्या हनुमानगढ़ी में भी लड्डू चढ़ाने की धार्मिक परंपरा है. इस सब के बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इंतजार करने की बात तो कही है, लेकिन इस पर कोई भी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है. आइए हम आपको बताते हैं अयोध्या में इसको लेकर क्या कुछ चल रहा है और क्या कुछ बयान सामने आ रहे हैं. 

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश स्थित देश के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में एक तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट का सनसनीखेज आरोप तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने लगाया है.TDP ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार यानी जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसी के कार्यकाल के दौरान यह मिलावट की गई. इस विवाद की तपिश अयोध्या में भी महसूस की जा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह इस बात का सामने आना है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान तिरुपति लड्डू आया था.  

 

 

इस विवाद को लेकर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा,  "कितने लड्डू आए थे यह तो हमको नहीं पता. ट्रस्ट को पता होगा, लेकिन जो भी लड्डू आया उसका प्रसाद बंटा, जो अब पता चल रहा है वह बहुत ही दूषित रहा.  यह एक खतरनाक षड्यंत्र है."
 

मुख्य पुजारी के बयान के बाद अयोध्या में भी तिरुपति लडडू को लेकर जांच की मांग उठी है. हनुमानगढ़ी समेत कई मंदिरों से आवाज उठी तो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. हालांकि उन्होंने जांच रिपोर्ट के इंतजार की बात कही है और कहा है कि श्री राम मंदिर में तो केवल इलायची दाना ही प्रसाद के रूप में बंटता है और उन्होंने तिरुपति विवाद को लेकर किसी भी तरह की सीधी प्रतिक्रिया देने से यह कहते इनकार किया कि इससे श्री राम मंदिर का कोई लेना-देना नहीं है.  

 

 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, "हम से कोई संबंध नहीं. हम तो इलायची दाना देते हैं. मैं तो अपने जीवन में कभी 1981 में तिरुपति गया था और इतनी दूर बैठकर मैं इसलिए टिप्पणी कर दूं कि सोशल मीडिया और मीडिया में आ रहा है यह मेरे लिए उचित नहीं है. लड्डू बनाने का कॉन्ट्रैक्ट किसे दिया गया था. घी कहां से आया. मेरा टिप्पणी करना, मेरी ही गरिमा के विरुद्ध है. आरोप प्रत्यारोप में नहीं जाना चाहिए, जांच होने दीजिए."

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