बहराइच: DM के ड्राइवर का बेटा बना एसडीएम, पीसीएस की परीक्षा में हासिल की 40वीं रैंक
“मंजिलें उन्हे मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है” बहराइच के जिलाधिकारी के वाहन…
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“मंजिलें उन्हे मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है” बहराइच के जिलाधिकारी के वाहन चालक जवाहर लाल मौर्या पर ये पंक्तियां बेहद फिट बैठती हैं. जवाहर लाल मौर्या के बुलंद हौंसले ने एक नही अपने दोनों बेटों को सफलता की उस ऊंचाई पर पहुंचाया है, जहां तक पहुंचने की कल्पना सब करते हैं.जवाहर लाल मौर्या के छोटे बेटे ने पीसीएस परीक्षा में 2021 में 40वां स्थान प्राप्त किया है.
जवाहर लाल का बड़ा बेटा संजय सिंह मौर्या एन आई टी प्रयागराज से बीटेक कर वर्तमान में मल्टी नेशनल कंपनी में चीफ इंजीनियर है. वहीं अब छोटे बेटे कल्याण सिंह मौर्या यूपी पीसीएस रिजल्ट में 40 वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बन गया है.
अपने बच्चे की सफलता की कहानी बताकर भाउक हुए जवाहर लाल कहते हैं कि मेरी पत्नी का मेरे बेटों की सफलता में सबसे बड़ा योगदान है. लेकिन आज वो इस खुशी को देखने के लिए मौजूद नही हैं. मैं तो ड्राइवर हूं पूरा समय ड्यूटी पर रहता हूं लेकिन मेरी पत्नी बच्चों को सबसे अधिक समय देती थी, गाइड करती थी. लेकिन उसकी किस्मत में ये खुशी देखने को नहीं थी। उनकी पांच साल पहले मृत्यु हो चुकी है. जवाहर लाल बताते हैं की 35 साल की अपनी नौकरी में साहब के साथ रहते हुए अपने बच्चों को भी वैसा ही बनने की प्रेरणा देता रहा और आज छोटा बेटा एसडीएम बन गया है.
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अपने वाहन चालक के बेटे की सफलता के बाद बहराइच के जिलाधिकारी डाक्टर दिनेश चंद्र सिंह ने ड्राइवर जवाहर लाल को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. उन्होंने कलेक्ट्रेट के अन्य कर्मचारियों को भी इससे प्रेरणा लेने की बात कही. उन्होंने बताया की भारतीय लोकतंत्र में कोई भी किसी पद को अपनी प्रतिभा के दम पर प्राप्त कर सकता है बसरते वो उसके प्रति निष्ठावान हो.
गौरतलब है की बहराइच जिले के फखरपुर विकास खंड के केतार पुर तखवा निवासी जवाहर लाल मौर्या पिछले पैंतीस वर्षों से बहराइच जिलाधिकारी के वाहन चालक पद पर कार्यरत हैं. इनके परिवार में दो बेटे संजय सिंह मौर्या वा कल्याण सिंह मौर्या हैं. वहीं बेटियों में श्रेया वा प्रिया मौर्या हैं. जवाहर लाल मौर्या के छोटे बेट कल्याण सिंह मौर्या को यूपी पीसीएस में 40वीं रैंक हासिल हुई है. उनके पिता के मुताबिक कल्याण की भी प्रारंभिक शिक्षा बहराइच के नानपारा में हुई और इंटरमीडिएट की पढ़ाई बहराइच के सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट कालेज से पूरी की. बी एस सी बनारस हिंदू विश्व विद्यालय से पूरी करने के बाद कल्याण सिंह मौर्या का कैमेस्ट्री से एम एस सी करने के लिए एडमिशन आई आई टी दिल्ली में हो गया और वर्तमान में वह भी एन टी पी सी सोला पुर महाराष्ट्र में सहायक प्रबंधक पद पर तैनात है. उनकी दोनो बेटियां पोस्ट ग्रेजुएट कंपलीट कर अपने भाइयों के रास्ते कदम पर चलते हुए यूपीएससी की तैयारी में जुटी हैं. जवाहर लाल के बेटे की सफलता पर बहराइच का पूरा कलेक्ट्रेट खुशियां मना रहा है.
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