Noida-Delhi Border Traffic Jam: किसानों के दिल्ली कूच से लगा ट्रैफिक जाम, घर से निकलने से पहले पढ़ें ये खबर
Noida-Delhi Border Traffic Jam: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली कूच, नोएडा और दिल्ली पुलिस सतर्क, चिल्ला बॉर्डर पर भारी जाम. जानिए क्या हैं किसानों की मांगें.
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Noida-Delhi Border Traffic Jam: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज यानी 2 दिसंबर को हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. इससे पहले रविवार को किसानों और प्रशासन के बीच हाईलेवल बैठक हुई, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन सकी. नाराज किसानों ने 'दिल्ली चलो' का नारा देते हुए संसद का घेराव करने का ऐलान किया. उनकी प्रमुख मांगें हैं कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10% विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ दिया जाए.
UP Farmers Protest March: दिल्ली जाने वाले इन रास्तों पर लगा जाम
किसानों के कूच के कारण दिल्ली जाने वाले रास्तों पर भारी जाम लग गया है. चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी पर सुबह से ही वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं. पुलिस ने इन मार्गों पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है. किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं.
Farmers' protest march from Noida to Delhi: पुलिस का अलर्ट और सुरक्षा उपाय
किसानों के आंदोलन के चलते नोएडा और दिल्ली पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है. सभी बॉर्डर पर भारी बैरिकेडिंग की गई है. चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी और कालिंदी कुंज समेत कई मार्गों पर पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी है. कई किसान नेताओं को नजरबंद किया गया है. यातायात प्रभावित होने की आशंका के चलते मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
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Farmers' protest march from Noida to Delhi: किसानों की क्या हैं डिमांड्स?
किसानों का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. गौतमबुद्ध नगर में 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया गया है. नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ जिले में लागू किए जाएं. किसान चाहते हैं कि जमीन अधिग्रहण के बदले 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए और 64.7 फीसदी की दर से मुआवजा दिया जाए. भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं. हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए. ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं.
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