ट्यूशन टीचर रचिता की स्कूटी ही बनी ‘गवाह’ और पता चल गई कानपुर के कुशाग्र की हत्या की कहानी

रंजय सिंह

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Kanpur News: यह कहावत हमेशा सच ही साबित होती है कि अपराधी चाहे कितना भी शातिर बन ले, लेकिन वह कोई ऐसी चूक कर देता है जिससे उसकी चालाकी पकड़ी जाती है. यह कहावत कानपुर में 17 साल के युवक कुशाग्र की हत्या मामला में भी सच साबित हुई है. बता दें कि कानपुर के बड़े व्यापारी के बेटे कुशाग्र की हत्या का आरोप उसकी ट्यूशन टीचर रचिता और उसके बॉयफ्रेंड प्रभात पर लगा है. पुलिस के अनुसार, इस हत्या में प्रभात के दोस्त शिवा का हाथ भी शामिल है. वहीं, इस बीच पुलिस ने वो वजह बताई है जिसकी वजह से इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है. खबर में आगे जानिए पुलिस ने इस केस को कैसे सॉल्व किया.

जानिए पूरा मामला

बता दें कि कुशाग्र की हत्या के आरोप में पकड़ी गई उसकी ट्यूशन टीचर रचित प्ले ग्रुप से उसको पढ़ने उसके घर जाती थी. जब उसने कुशाग्र को पढ़ाना छोड़ा तो उसके छोटे भाई आदि को पढ़ाने लगी थी. राचिता कई घरों में पढ़ती थी, लेकिन कुशाग्र के घर से उसको अच्छी ट्युशन फीस मिलती थी. ऐसा कहा जा रहा है कि इसी से उसने अपनी स्कूटी खरीदी थी.

स्कूटी ने खोल दिया भेद

रचिता इसी स्कूटी से उसके घर पढ़ने आती थी. मगर उसे क्या पता था इसी स्कूटी से एक दिन उसके हत्यारे होने का राज खुल जाएगा. दरअसल सोमवार को प्रभात ने राचिता और शिवा के साथ मिलकर कुशाग्र हत्या की थी. इसके बाद मामले को उलझाने के लिए उसने तीस लाख रुपये का फिरौती वाला लेटर कुशाग्र के घर भिजवाने की योजना बनाई. इसके लिए राचिता ने शिवा को अपनी उसी स्कूटी से लेटर भिजवाने को भेज दिया. शिवा जब कुशाग्र की बिल्डिंग के गार्ड राजेंद्र को फिरौती वाला लेटर दे रहा था, तो गार्ड ने राचिता की स्कूटी पहचान ली और उसका नम्बर भी नोट कर लिया.

बस फिर क्या था पुलिस ने जब छात्र के गायब होने के बाद जांच शुरू की तो उसके कत्ल की पूरी कहानी खुलने में यही स्कूटी सहारा बन गई. जब गार्ड ने कुशाग्र के मामा अभिषेक अग्रवाल को स्कूटी के बारे में बताया तो उनके साथ मृतक का छोटा भाई आदि भी था. मांमा ने आदि से राचिता को फोन करके स्कूटी के बारे में पूछने के लिए कहा.

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आदि ने टीचर रचिता को फोन करके पूछा कि ‘मैम आपकी स्कूटी कहां है.’ टीचर ने बताया कि ‘स्कूटी मेरे दोस्त के पास है.’ तो उसने पूछा कि ‘दोस्त कहां है.’ इस पर टीचर ने कहा कि ‘क्यों क्या बात हो गई.’ आदि ने कहा कि ‘भैया अभी तक नहीं आए हैं.’ इस पर वह कुछ हड़बड़ा गई और बस यहां से परिवार वालों को शक हो गया. पूरी बात पुलिस को बताई गई. पुलिस स्कूटी खोजते हुए राचिता और उसके प्रेमी प्रभात और शिवा तक पहुंच गई.

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