तलवार, खंजर, बंदूक...शाहजहांपुर में बाबू राम के खेत से मिला 18वीं सदी के हथियारों का जखीरा

विनय पांडेय

ADVERTISEMENT

Shahjahanpur News
Shahjahanpur News
social share
google news

Shahjahanpur News: यूपी के शाहजहांपुर में खेत में 18वीं सदी के हथियारों का जखीरा मिला है. हुआ यूं कि जब किसान ने खेत में हल चलाया, उस वक्त जमीन के अंदर हल की किसी लोहे से टकराने की आवाज सुनाई दी. जब खुदाई की गई तब वहां से पुराने समय की तलवार, खंजर, बरछी और बंदूकें निकलीं. हालांकि मौके पर निगोही पुलिस और राजस्व विभाग के लोग मौजूद रहे. वहीं पुरातत्व विभाग को सूचना दे दी गई है, इसकी जानकारी क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और देखने वालों का मेला लगा गया. फिलहाल इतिहासकार इन हथियारों को 200 वर्ष पुराना बता रहे हैं. 

दरअसल, निगोही थाना क्षेत्र के ढकीया तिवारी गांव में खेत जोतते समय जमीन के अंदर से पुराने जमाने के हथियार निकले हैं.  ढकीया गांव के रहने वाले बाबू राम ने बताया कि 'पहले यहां पर मिट्टी का खेड़ा था. कुछ दिन पहले जेसीबी से खेत की मिट्टी निकलवाई थी. खेत की मिट्टी निकलने के बाद आज पहली बार खेत जोत रहे थे, तभी हल से किसी लोहे के टकराने की आवाज सुनाई दी. तब ध्यान से देखा तो वहां से पुराने समय की तलवार, खंजर, बरछी और बंदूक निकली.' 

 

 

वही, गांव के ओमवीर सिंह का कहना है कि यहां पर बहुत पहले बाग था. ये जमीन बाबूराम ने खरीद ली थी. पहले गांव के लोग यहां से मिट्टी ले जाया करते थे. जब बाबूराम ने पहली बार इस खेत में हल चलाया, तभी हल से तलवारें टकरा गईं. जब खुदाई की गई तो इसमें पुराने जमाने की तलवार, बंदूक के बैरल मिले. 

इतिहासकार ने क्या कहा?

इतिहासकार विकास खुराना बताते हैं कि 'बंदूकों का उपयोग अपने रीजन में 18वीं सदी का है. भारत में यह बाबर के समय में शुरू हो गया था. अभी तक हम तलवारों को देख नहीं पाए हैं. पता चला है कि तलवार की मुख चांदी की बनी हुई है. इस पर जंग लगी है. जो बंदूक है, उसमें जो लकड़ी है उसे दीमक खा गई है. केवल नाल है. बंदूक लगभग 200 साल पुरानी लग रही है.  इन तलवारों की स्टडी के लिए हम लोग डीएम साहब से मांग करेंगे.'
 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT