कुंडा से राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सपा नेता गुलशन यादव पर हो गया बड़ा एक्शन, जानें पूरा मामला

संतोष शर्मा

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता गुलशन यादव (Gulshan Yadav) को गिरफ्तार कर लिया गया है. कुंडा पुलिस ने विजय प्रताप सिंह से जुड़े मामले में गुलशन यादव की गिरफ्तार की है, उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था. प्रतापगढ़ के कुंडा मानिकपुर थाने में गुलशन यादव पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट के 33 मुकदमे दर्ज हैं. प्रदेश स्तर पर चिन्हित माफियाओं की लिस्ट में भी उसका शामिल रहा है.

बता दें कि गुलशन का भाई छविनाथ यादव पहले से जेल में है. गुलशन यादव ने साल 2022 में कुंडा से रघुवंश प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में आया था गुलशन यादव

सपा विधायक गुलशन यादव उस वक्त सुर्खियों में आए था जब 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें कुंडा सीट से राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़वाया था. वो राजा भैया के करीबी भी रह चुके हैं हालांकि इन चुनावों में गुलशन यादव को हार का सामना करना पड़ा था. यूपी निकाय चुनाव में सपा ने एक बार फिर उन भरोसा जताया और उनकी सीमा यादव को कुंडा नगर पंचायत से टिकट दिया है.

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राजा भैया से थी सीधी टक्कर

दो बार से कुंडा नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट पर सपा नेता गुलशन यादव की पत्नी सीमा यादव का कब्जा था. इस बार राजा भैया ने अपनी पार्टी से ऊषा त्रिपाठी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने सपा की मौजूदा पंचायत अध्यक्ष और प्रत्याशी सीमा यादव को तगड़ी शिकस्त देकर जीत हासिल की. ऊषा त्रिपाठी ने 2802 वोटों से जीत हासिल की है. ऊषा त्रिपाठी को 7734 वोट मिले तो वहीं सपा उम्मीदवार सीमा यादव के खाते में 4932 वोट पड़े.

सपा ने जताया था भरोसा

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव के पक्ष में प्रचार के दौरान कुंडा में कुंडी लगाने की बात कही थी. अखिलेश के इस बयान पर राजा भैया ने पलटवार करते हुए कहा था कि किसी के माई के लाल में दम नहीं है, जो कुंडा में कुंडी लगा दे. दरअसल, गुलशन यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत राजा भैया के साथ ही की थी. साल 2011 में वो कुंडा नगर पंचायत के अध्यक्ष बने. साल 2017 में भी उन्होंने जेल में रहते हुए राजा भैया के उम्मीदवार के खिलाफ अपने पत्नी को चुनाव जिता दिया.

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