‘मेरे पास बस 290 रुपए बचे हैं’, उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे बेटे के लिए गहने गिरवी रख पहुंचा पिता

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Uttar Pradesh News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Uttarkashi Tunnel Rescue) का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को आज 17वां दिन हैं. वहीं सोमवार को टनल में फंसे मजदूरों को किसी भी वक्त बाहर निकाला जा सकता है. सुरंग में खुदाई पूरी हो गई है. 800 मिमी व्यास का पाइप भी डाला जा चुका है. एनडीआरएफ की टीम पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंच गई है. वहीं फंसे हुए मजदूरों के परिजन टनल के बाहर उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं.

गहने गिरवी रखकर पहुंचे यहां

उत्तरकाशी के टनल के बाहर अपनों के बाहर आने का इंतजार करते लोगों में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मनजीत चौधरी के पिता भी शामिल हैं, जो पत्नी के गहने गिरवी रख कर यहां पहुंचे हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि यहां का किराया जुटा सकें. इंडिया टूडे से बात करते हुए मंजीत के पिता चौधरी ने कहा कि, ‘बेटा जब बाहर आएगा तो बहुत खुशी होगी. बेटा जब टनल के अंदर फंसा था तो खुद फोन करके हमें हिम्मत बंधाता था कि मैं ठीक हू और जल्द ही निकल जाउंगा.’

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बेटे के लिए दो हफ्तों से टनल के बाहर खड़े हैं

अपने बेटे मंजीत के निकलने की आस लिए हुए उनके पिता पिछले दो हफ्तों से टनल के बाहर खड़े हुए हैं. बता दें कि लखीमपुर खीरी के चौधरी ने यूपीतक से पहले बात करते हुए बताया था कि उनके दो बेटे थे पर बड़े लड़के की पहले ही मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा था कि, ‘बड़ा लड़का हमारा मुंबई में मजदूरी करने गया था और वहीं खत्म हो गया था. यह अकेला बेटा हमारा बच्चा हुआ है. अभी इसकी शादी नहीं हुई है. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारा लड़का सुरक्षित मिल जाए और सभी जितने बच्चे हैं सब बाहर निकल आए.’ वहीं अब मंजीत चौधरी किसी भी वक्त उत्तरकाशी के उस टनल से बाहर आ सकते हैं.

17 दिन से टनल में फंसे हैं 41 मजदूर

दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग बनाई जा रही है. वहीं 17 दिन पहले सुरंग में हुए हादसे में 41 मजदूर अंदर ही फंस गए. उन्हें निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों तक पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है. टनल से मजदूरों को निकालने के लिए की एजेंसियां काम कर रही हैं.

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