सभी घाट डूबे और नावों पर लगी रोक....वाराणसी में खतरे के निशान के पास पहुंची गंगा

रोशन जायसवाल

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वाराणसी में तेजी से बढ़ रही है गंगा
Varanasi News
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Varanasi Flood : वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर इस बाढ़ के सीजन में अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है. गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु तक पहुंच चुका है, जो 70.26 मीटर है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 70.13 मीटर पर है और यह चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. यदि जलस्तर बढ़ता रहा तो खतरे का निशान 71.26 मीटर तक पहुंच सकता है.

डूबे सभी 84 घाट 

इस सीजन में यह छठी बार है जब गंगा का जलस्तर इतना अधिक बढ़ गया है. जिससे वाराणसी के सभी 84 घाट डूब गए हैं. घाटों के डूबने से स्थानीय निवासियों और पर्यटकों की गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर महत्वपूर्ण इस शहर में गंगा घाटों का जलस्तर बढ़ने से काफी समस्या खड़ी हो गई है.

स्थानीय प्रशासन ने निरंतर बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए चेतावनी जारी कर दी है. नावों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा, लोगों को नदियों के किनारे जाने से मना किया जा रहा है और सुरक्षा के उपायों का पालन करने की सलाह दी जा रही है. गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि ने प्रशासन और जनता दोनों के लिए चिंता की स्थिति पैदा कर दी है. नगर निगम और आपदा प्रबंधन दल निरंतर निगरानी कर रहे हैं और संभावित समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार हैं. 

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गंगा आरती का भी स्थान बदला

वाराणसी स्थित गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण वाराणसी के सभी 84 पक्के घाट पहले ही डूब चुके हैं, जिससे घाटों के बीच का संपर्क टूट गया है. इस स्थिति ने गंगा आरती के स्थल को भी ऊंचाई पर स्थानांतरित करने के लिए मजबूर कर दिया है. 

नावों पर लगी रोक 

मुख्य पर्यटन स्थल नमो घाट, जहां पर नमस्ते का विशाल स्ट्रक्चर मौजूद है, वहां भी जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि घाट डूब गया है. नावों पर लगे प्रतिबंध के कारण नाविकों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. नाविकों का कहना है कि अगर गंगा के जलस्तर में कमी नहीं आई तो अगले एक महीने तक नौका संचालन पर पूरी तरह से रोक लग सकती है और अगले तीन महीने तक यह रोक जारी रहेगी.

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