वाराणसी: मैनेजर ने तेजप्रताप के पैरों में गिर मांगी माफी? वीडियो का दूसरा ही सच आया सामने
Varanasi News: बिहार के मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का वाराणसी के एक होटल के कमरे से सामान…
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Varanasi News: बिहार के मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का वाराणसी के एक होटल के कमरे से सामान निकालकर बाहर रखने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं इस घटना से जुड़ा एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में बतायाजा रहा है कि बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप के सामने होटल मैनेजर से घुटने के बल पर बैठ कर माफी मांग रहा है. वहीं इस मामले पर यूपी तक ने होटल मैनेजर से खुद बात की.
तेजप्रताप का एक और वीडियो हुआ वायरल
वायरल वीडियो पर होलट मैनेजर ने बताया कि माफी वाली बात पूरी तरह से झूठ है. उन्होंने बताया कि तेज प्रताप के साथ आए लोगों ने उसे धक्का दे दिया था जिससे वह लड़खड़ा कर नीचे गिर गया था.हालांकि, अब तक इस मामले में तेज प्रताप यादव या होटल मैनेजर का बयान सामने नहीं आया है. इस पूरे मामले को तेज प्रताप यादव के लोगों की तरफ से उनकी सुरक्षा में सेंध का मामला बताते हुए पहले ही थाने में प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है तो वहीं होटल के मैनेजर ने भी अपने साथ हुई घटना की शिकायत आज थाने में कर दी है.ॉ
होटल मैनेजर ने लगाया ये आरोप
बता दें कि मंगलवार को तेजप्रताप यादव के मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था. ऐसा बताया जा रहा था कि वीडियो में बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव वाराणसी के होटल आर्केडिया के मैनेजर संदीप पॉलीथ से घुटने पर गिरवाकर माफी मंगा रहे हैं. वहीं तेज प्रताप यादव उसी जगह खड़े हैं. पास में ही होटल के अन्य दो स्टाफ भी खड़े हैं. हालांकि, यह वीडियो काफी छोटा है. वहीं संदीप पॉलीथ ने तेज प्रताप के साथ आए लोगों पर आरोप लगाया.
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अभी भी लॉक है कमरा
संदीप पॉलीथ ने आरोप लगाते हुए बताया कि, ‘उन लोगों ने उनको धक्का दे दिया था, जिससे वह लड़खड़ा कर गिर गए थे. खुद को संभालकर जब वह उठ रहे थे तो उनका वीडियो बना लिया गया.’ उन्होंने बताया कि पूरी घटना के संदर्भ में एक प्रार्थना पत्र उन्होंने संबंधित सिगरा थाने में भी दे दी है और कार्रवाई की मांग की है. संदीप पॉलीथ ने यह भी बताया कि तेज प्रताप यादव जिस कमरे में रुके थे, उसकी चाबी भी उन्हें नहीं सौंपी गई और उनका कमरा अभी तक लॉक है. इतना ही नहीं उन्होंने दोनों कमरों का भुगतान किया और ना ही खाने-पीने के लगभग 35 हजार रुपए का ही भुगतान किया गया है.
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