राम मंदिर का अक्षत निमंत्रण पाकर भावुक हुए मिर्जापुर के मोहम्मद हबीब, आंदोलन में निभाई थी ये भूमिका

सुरेश कुमार सिंह

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Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. 22 जनवरी को रामलला को गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. वहीं कार्यक्रम से पहले मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेजने के साथ ही ‘अक्षत निमंत्रण’ भी भेजा जा रहा है. इसी कड़ी में संघ के कार्यकर्ता अक्षत निमंत्रण लेकर यूपी के मिर्जापुर में मोहम्मद हबीब के घर पहुंचे.

कौन हैं मोहम्मद हबीब

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर में जमालपुर ब्लाक में जफराबाद के रहने वाले मुस्लिम मोहम्मद हबीब ने 1992 में अयोध्या में भव्य प्रभु राम का मंदिर बनने का सपना देखा था. इस सपने को साकार करने के लिए वह 1992 में कारसेवक के रूप में अयोध्या गये थे. आज जब 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम घर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अक्षत निमंत्रण ले कर उनके पास पहुंचे तो वह भावुक हो गये. 1992 में उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए हुए आंदोलन में कारसेवक के रूप में उन्होंने भाग लिया था.

सुनाया राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा ये किस्सा

मिर्ज़ापुर से कारसेवक के रूप में मोहम्मद हबीब 2 दिसंबर 1992 को अयोध्या गये थे. वाराणसी कैंट से 50 कारसेवकों के साथ मोहम्मद हबीब अयोध्या पहुचे थे. उस समय वह भाजपा युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष के पद पर थे. उस पल को याद कर मोहम्बद हबीब ने यूपी तक को बताया कि, ‘ हम सब अयोध्या उतरे तो वहां पर चार से पांच दिन रहे. विहिप के अशोक सिंघल और बजरंग दल के विनय कटियार का भाषण सुना.फिर आदेश यहां की सरयू तट से बालू लेकर आए. हम लोगों के सामने ढांचा टूटा और समतल हुआ. इसके बाद हम लोगों को आदेश हुआ. वापस लौटने का वाराणसी लौट आए. निमंत्रण पत्र मिलने की खुशी जताते हुए मोहम्बद हबीब ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद अयोध्या प्रभु राम के दर्शन के लिए जरूर जाऊंगा.’

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