‘राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे…’, प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले पीएम मोदी – अब दिव्य मंदिर में रहेंगे प्रभु
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं. शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच रामलला अपने भव्य…
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Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं. शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच रामलला अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान हुए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की. वहीं प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने सभा को संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘इस शुभ घड़ी की आप सभी और समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई. मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूं.’
Narendra Modi Ram : राम लला को देखकर रो दिए मोदी… https://t.co/yLhWKjX4Nj
— UP Tak (@UPTakOfficial) January 22, 2024
राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे…पीएम मोदी
प्राण प्रतिष्ठा में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. यह क्षण अलौकिक है. यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है.’ उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि आज हमारे राम आ गए हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा कि 22 जनवरी कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं है. यह एक नए कालचक्र का उद्गम है.
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सीएम योगी ने कही ये बात
बता दें कि गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बीच पीएम मोदी के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद थीं. वहीं प्राण प्रतिष्ठा के बाद सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘ भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है. हर मार्ग श्रीराम जन्मभूमि की तरफ आ रहा है. हर जीभ राम-राम जप रही है. पूरा राष्ट्र राममय है. ऐसा लगता है, हम त्रेता युग में आ गए हैं. राम मंदिर बनाने के लिए संतों सन्यासियों पुजारियों, नागाओं, निहंगों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं सभी समाज के लोगों ने खुद को समर्पित कर दिया. मंदिर वहीं बना है, जहां का संकल्प किया था.’
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