उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Arvind Kumar Sharma) ने नगर पालिका परिषदों के सीमा विस्तार और परिसीमन को लेकर उठे सवाल के जवाब में कहा कि सभी कार्यवाही नियमानुसार की गयी है और किसी वर्ग विशेष को पीड़ा पहुंचाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.
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विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को समाजवादी पार्टी के सदस्य महबूब अली के सवाल के जवाब में शर्मा ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद के रूप में उच्चीकृत करने, नगर पालिका परिषद के गठन, नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किये जाने और नगर पालिका परिषदों के वर्गीकरण हेतु समय समय पर जारी शासनादेशों द्वारा मानदंड और मानक निर्धारित किये गये हैं.
उन्होंने कहा कि संबंधित नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किये जाने के संबंध में संबंधित जिलाधिकारी से उपर्युक्त शासनादेशों में निर्धारित मापदंडों/मानकों के अनुसार परिपक्व प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण के उपरांत जन सामान्य से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित करने की दृष्टि से अनन्तिम अधिसूचना निर्गत की जाती है.
उन्होंने कहा कि इसके बाद नियत अवधि में प्राप्त आपत्ति और सुझावों के निस्तारण के उपरान्त सक्षम स्तर से प्राप्त अनुमोदनोपरांत अंतिम अधिसूचना निर्गत करने की कार्यवाही की जाती है.
नगर विकास मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य अली ने कहा कि परिसीमन धर्म और जाति के आधार पर किया गया है और यह मानकों के आधार पर नहीं है.
उन्होंने अमरोहा नगर पालिका की अनियमितता का मामला उठाया और दावा किया कि सत्ता पक्ष के सदस्यों की ही एक निष्पक्ष जांच कमेटी बना दीजिए, अगर मेरा आरोप गलत साबित हुआ तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
सपा के एक वरिष्ठ सदस्य अवधेश प्रसाद ने कहा आपत्तियों का निस्तारण गुण दोष के आधार पर नहीं किया गया है. शर्मा ने कहा कि अगर किसी सदस्य को कोई आपत्ति हो शिकायत दे दे, निस्तारण करा दिया जाएगा.
शर्मा ने गलत परिसीमन करने पर संबंधित अधिकारी को दंडित करने के सवाल पर कहा यह अलग से कहने की आवश्यकता नहीं है, अगर किसी अधिकारी ने गलत किया तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी.
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