आजम खान को एक और झटका, जौहर ट्रस्ट जमीन मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

संजय शर्मा

• 08:55 AM • 01 Dec 2023

Uttar Pradesh News : आजम खान (Azam Khan) की जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर…

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Uttar Pradesh News : आजम खान (Azam Khan) की जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से रद्द कर दी गई थी. अब इस मामले को लेकर मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई. वहीं यूपी सरकार के फैसले को दी गई चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश जारी करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से इस मामले में प्राथमिकता के आधार पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

दरअसल, मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन 99 साल की लीज पर देने को रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई थी. सपा सरकार के दौरान आजम खान ने रामपुर के मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भवन समेत पूरा कैंपस 99 साल की लीज पर मौलाना मोहम्मद जौहर ट्रस्ट को दिलाया था. करीब 100 करोड़ रुपये की इस 3825 वर्ग मीटर संपत्ति के लिए मात्र 100 रुपये सालाना किराया तय किया गया था.

क्या था पूरा मामला

इसके लिए आजम खान ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ एमओयू के जरिए एक करार भी किया था. लेकिन अब सरकार ने इसी करार की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए लीज कैंसिल कर दी है. हालांकि इस मामले से सम्बंधित मुकदमा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी लंबित है. लेकिन वहाँ मामले की सुनवाई में लगातार देरी हो रही है. इसके मद्देनजर मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.

 

आजम खान के जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई जमीन की लीज यूपी सरकार द्वारा रद्द करने का मामले में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फिलाहल जौहर ट्रस्ट को राहत नहीं मिली. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इन्कार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को कहा है कि वो अपनी बेंच में लंबे अरसे से लंबित इस मामले की प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करें. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जौहर यूनिवर्सिटी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम से यूनिवर्सिटी में पढ़ रही 600 लड़कियों का भविष्य अधर में लटक गया है.

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