Prayagraj News: जब से उमेश पाल शूटआउट हुआ है तभी से बाहुबली और माफिया अतीक अहमद लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. उमेश पाल की हत्या के 40 दिन बीते जाने पर भी पुलिस और जांच एजेंसियां शूटआउट में शामिल सिर्फ 2 अपराधियों को ही एनकाउंटर में मार गिरा पाई हैं. अतीक के बेटे समेत अन्य सभी आरोपी अभी तक फरार हैं और लाख कोशिश करने के बाद भी पुलिस को उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा है.
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इसी बीच एक खबर आईं, जिसने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा. दरअसल 18 साल पहले बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी रहे अब्दुल कवि ने अचानक लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हैरत की बात तो यह भी है कि अतीक का करीबी और अतीक का शूटर अब्दुल कवी 18 सालों से फरार था, लेकिन उसने अचानक सरेंडर कर दिया और किसी को भनक तक नहीं लगी. अब ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर पुलिस उमेश पाल के शूटर्स को पकड़ने में कामयाब नहीं होती है तो क्या शूटआउट में शामिल अपराधी भी कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं.
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अशरफ को भी डरा रहा था एनकाउंटर का डर मगर हो गया आसानी से गिरफ्तार
बता दें कि 3 जुलाई 2020 को प्रयागराज की धूमनगंज पुलिस ने 3 साल से फरार चल रहे 1लाख के ईनामी खालिद अजीम उर्फ अशरफ को भी गिरफ्तार कर लिया था. मगर चर्चा हुई कि अशरफ ने अपने करीबी पुलिसकर्मियों के माध्यम से खुद को पकड़वाया था. दावा किया गया था कि अशरफ के पीछे यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगी हुई थी और उसे अपने एनकाउंटर का डर सता रहा था.
उमर को भी खोज रही थी एसटीएफ और सीबीआई मगर…
कुछ ऐसा ही अतीक अहमद के बेटे उमर के साथ हुआ. दरअसल लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल को अगवा कर उसके साथ देवरिया में मारपीट करने के मामले में लखनऊ पुलिस, यूपी एमटीएफ और सीबीआई उमर को खोज रही थी. यहां तक की पुलिस ने उमर के खिलाफ इनाम भी घोषित कर दिया. मगर पुलिस उमर को नहीं पकड़ पाई. मगर अचानक उमर ने 23 अगस्त 2022 को अचानक लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जब तक पुलिस और जांच एजेंसियों को उमर के सरेंडर की खबर लगी तब तक कोर्ट ने उसका सरेंडर स्वीकार कर लिया और पुलिस हाथ मलती रह गई.
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अली को भी नहीं पकड़ पाई पुलिस और कर दिया सरेंडर
अतीक अहमद के दूसरे बेटे अली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. रंगदारी मांगने के आरोप में पुलिस अली को खोजती रही. उसपर 50 हजार का इनाम भी रख दिया मगर अली हाथ नहीं आया. फिर अचानक 30 जुलाई 20022 को प्रयागराज कोर्ट में पहुंचक अली ने भी सरेंडर कर दिया और पुलिस देखती रह गई.
अब्दुल कवि को 18 सालों से खोज रही थी पुलिस मगर उसने भी किया सरेंडर
25 जनवरी 2005 को बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी और 1 लाख के ईनामी अब्दुल कवि ने लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में 6 अप्रैल 2023 को सरेंडर किया. हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि 18 साल से फरार चल रहे अब्दुल कवि को प्रयागराज पुलिस, कौशांबी पुलिस, यूपी एसटीएफ और सीबीआई खोज रही थी. मगर वह पकड़ में नहीं आया. अतीक के इस खास गुर्गे ने भी अपनी मरजी से सरेंडर कर दिया.
अतीक के नेटवर्क में सब शामिल
ये उदाहरण साफ बताते हैं कि अतीक अहमद के सिंडिकेट में शूटर, प्रॉपर्टी डीलर के साथ-साथ वकीलों का भी पूरा नेटवर्क है. यही वजह है कि अतीक अहमद और उसके परिवार के लोगों ने जब चाहा जहां चाहा सरेंडर किया. सीबीआई हो या यूपी पुलिस और एसटीएफ, उनको पकड़ पाने में नाकाम साबित हुए हैं.
अब उमेश पाल हत्याकांड के 40 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. पुलिस की टीमें यूपी समेत 9 राज्यों की खाक छान चुकी है, लेकिन 25,000 की इनामी शाइस्ता परवीन से लेकर पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम, असद, अरमान, साबिर, मोहम्मद गुलाम कोई भी नहीं पकड़ा जा सका है.
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