उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. पिछले 48 घंटों से पूरे शहर में पानी–पानी है. मोहल्लों और कालोनियों में तीसरे दिन भी पानी भरा हुआ है. तीसरे दिन नाला जेसीबी से साफ करने की खाना पूर्ति की जा रही है. वहीं, सरकारी मदद भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. लोग पानी, दूध और रोजमर्रा के सामानों के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में कुछ युवा समाजसेवक दूध, ब्रेड पानी की बोतले भी बाट रहे हैं. एसडीआरएफ के बोट से लोग अपने पास से राहत सामग्री बाट रहे हैं, जिससे परेशान लोगों को राहत मिली है. वहीं, जमुरिया के सैलाब में जजेस कॉलोनी भी डूब गई.
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जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाराबंकी शहर में आई बाढ़ और भीषण जलभराव से लगातार तीसरे दिन भी जनजीवन अस्त-व्यस्त है. नगर पालिका क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख आबादी जलभराव झेल रही है. सैकड़ों परिवार सरकारी स्कूलों, सड़क किनारे और दुकान के बरामदे में आश्रय लिए हुए हैं. एनडीआरएफ द्वारा रातभर रेस्क्यू किया गया, जो आज बुधवार को भी जारी है. दर्जनों मकान ऐसे हैं, जिनमें लोग पिछले दो दिन से कैद हैं और पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं.
बाढ़ से करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका
शहर में बाढ़ से करोड़ों रुपये के नुकसान का आकलन है. दुकानें,समान,महंगी गाड़ियां और घर डूबे हुए हैं, वैसे जमुरिया नाले का जलस्तर कुछ कम हुआ है. छाया चौराहे समेत कुछ सड़कों से पानी कम हुआ है. मगर मोहल्लों में अभी भी जल भराव है.
छाया, घोसियाना, राजकमल रोड, पीरबटावन, सत्यप्रेमी नगर आदि की बाजारों में सैकड़ों दुकानों के अंदर पानी भरा होने के कारण कारोबार नहीं शुरू हुआ है. लोग इंतजार कर रहे हैं कि पानी घटे तो अपनी डूबी हुई गृहस्थी और दुकान का हाल लें.
युवा समाजसेवी ने बांटी राहत सामग्री
युवा समाजसेवी अविरल सिंह बुधवार सुबह एसडीआरएफ की बोट में राहत सामग्री लेकर बाढ़ पीड़ितों को घर-घर जाकर बांटी. स्कूलों में जो आश्रित हैं, उन्हे दूध और ब्रेड भी बांटी गई है.
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