अयोध्या, काशी, मथुरा की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स के गठन पर मंथन, भेजा गया प्रस्ताव

बनबीर सिंह

• 01:44 PM • 04 Jul 2022

यूपी सरकार काशी और मथुरा के साथ-साथ अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने जा रही है. इसमें मानव और तकनीक का प्रयोग कर ऐसा…

UPTAK
follow google news

यूपी सरकार काशी और मथुरा के साथ-साथ अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने जा रही है. इसमें मानव और तकनीक का प्रयोग कर ऐसा सुरक्षा ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसको अमल में लाने के बाद सुरक्षा से जुड़ी चू तक की कोई गुंजाइश न रह जाए. इसके लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से स्पेशल फोर्स का गठन होने का प्रस्ताव दिया गया है. जो अयोध्या समेत यूपी के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों की सुरक्षा करेंगी.

यह भी पढ़ें...

वर्ष 2024 में जब श्री राम मंदिर दर्शन के लिए खोला जाएगा तो यही स्पेशल फोर्स सुरक्षा में तैनात होगी. अयोध्या में हुई सुरक्षा समिति की बैठक में इसी पर मंथन हुआ. जिसमे आईबी और इंटेलिजेंस एजेंसियों से जुड़े अफसरों के साथ-साथ यूपी पुलिस और सीआईएसएफ , पीएसी और सीआरपीएफ के शीर्ष अफसर शामिल हुए. इस बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय और सदस्य भी शामिल रहे. जिन्होंने सुरक्षा तकनीक और श्रद्धालुओं की सुविधा के बीच समन्वय बनाने का सुझाव दिया.

अयोध्या में पहली बार सुरक्षा समिति की बैठक श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में हुई. सुरक्षा से जुड़ी इस महत्वपूर्ण बैठक में उच्च सुरक्षा तकनीक का प्रयोग कर पुख्ता सुरक्षा प्लान तैयार करने पर मंथन हुआ. बैठक से पहले समिति में शामिल अधिकारियों ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ राम जन्मभूमि परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया और सुरक्षा पोस्ट और पॉइंट पर चर्चा की. इसके बाद मौजूदा सुरक्षा पॉइंट और इसके अपग्रेशन को लेकर गहन मंत्रणा हुई.

उच्च स्तरीय बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्पेशल फोर्स तैयार करने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा रहा है. यही फोर्स काशी और मथुरा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में भी तैनात की जाएगी. इस फोर्स में आईबी, लोकल इंटेलिजेंस, सीआरपीएफ, पीएससी के साथ यूपी पुलिस भी शामिल होगी. इसीलिए इस बैठक में एडीजी सुरक्षा के साथ- साथ विभिन्न एजेंसियों के शीर्ष अफसरों ने भाग लिया और संयुक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था के नए प्लान का खाका खींचा.

तीनों धार्मिक स्थल के लिए भारत सरकार के आदेश के तहत एक स्थाई समिति बनी हुई है. आज स्थाई समिति की बहुत महत्वपूर्ण बैठक रही. सुरक्षा मुख्यालय उत्तर प्रदेश के संयोजन में और सभी उससे जुड़े हुए जितने भी हितधारक हैं, यूपी पुलिस है, सेंट्रल एजेंसी है, सब मिल बैठकर फाइनल आकार देने की कोशिश की गई है जो भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. उसका जो अंतिम सुरक्षा आर्किटेक्चर होगा वह क्या होगा उस पर हम लोगों ने लगातार मंथन करके क्योंकि ट्रस्ट के पास पूरे राम जन्मभूमि परिसर का स्वामित्व है इसलिए उनसे बात करके अंतिम रूप देने की कोशिश की गई है. आने वाले समय में इसको अमल में लाया जाएगा. इसमें स्टेट फ़ोर्स और जितनी भी सेंट्रल एजेंसी है सब मिल्कर के समन्वय से ही काम होता है. पहले भी होता रहा है और आगे भी वैसे ही होगा.

बी के सिंह, एडीजी सुरक्षा

जो मीटिंग हुई है उसमें एडीजी सिक्योरिटी है, मैं हूं, आईबी के अधिकारी हैं, सीआरपीएफ के अधिकारी हैं और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं. जो भव्य राम मंदिर बन रहा है उसकी सुरक्षा के साथ-सथ जो श्रद्धालु आए उनको कोई असुविधा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए हमने सुरक्षा का खाका खींचा है. इसमें टेक्नोलॉजी का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा और जितने भी आधुनिक उपकरण हैं उनका इस्तेमाल होगा. बाकी सुरक्षा के विषय में हम लोग डिटेल जानकारी नहीं देते हैं, लेकिन प्रयास यही है कि आने वाले वक्त में जैसे मंदिर तैयार हो एक भव्य सुरक्षा व्यवस्था हो. जिसमें श्रद्धालुओं को आराम से दर्शन करने का मौका मिले. असुविधा ना हो. जो भव्य मंदिर हो उसकी भी सुरक्षा रहे. ऐसी एक व्यवस्था आज हम लोगों ने तैयार की है. जो प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा. इसके बाद इसका क्रियान्वयन होगा.

बृजभूषण शर्मा, एडीजी लखनऊ जोन

सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी इस महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार श्री राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की भी राय ली गई. जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सुरक्षा व्यवस्था में शामिल अफसरों के बीच इस बात पर सहमति हुई कि ऐसा सुरक्षा प्लान तैयार किया जाए जिससे दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े. बैठक शुरू होते ही सीआईएसएफ ने नए सुरक्षा प्लान का खाका पेश किया जिस पर लगभग 3 घंटे मंथन हुआ. सरकार के आदेश पर सीआईएसफ ने राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया और सुरक्षा समिति की बैठक में अपग्रेड को लेकर अपना पक्ष रखा.

बिना राम मंदिर ट्रस्ट के हम लोग आगे बढ़ नहीं सकते हैं. यह कहने की बात नहीं है. इसीलिए आज की बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी. विशेष आमंत्रण के रूप में राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे. इसमें बिंदुवार चर्चा परिचर्चा करके हम लोगों ने निर्णय लिया है. हम सबकी एक ही अपेक्षा है कि एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो 100 प्रतिशत सुरक्षित हो, लेकिन जनता के लिए हो दर्शनार्थी को कहीं कोई दिक्कत ना हो, क्योंकि यह जनता के लिए मंदिर बना है. तो यह जनता के लिए सुगम हो, लेकिन सुरक्षा को लेकर समझौता ना हो.

बी के सिंह, एडीजी सुरक्षा

यही मैंने कहा है. यहां गरीब लोग आते हैं. श्रद्धा भाव से आते हैं. तो सुरक्षा का ऐसा दृश्य खड़ा ना हो जाए कि श्रद्धालु भयभीत हो. सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, लेकिन सुरक्षा दिखनी नहीं चाहिए. सुरक्षा होनी चाहिए. आज सीआरपीएफ है, पीएसी है, कमांडोज हैं, उत्तर प्रदेश की पुलिस है, सीआईएसएफ ने केवल सिक्योरिटी पर अध्ययन करके अपने सुझाव दिए. सरकार के कहने पर दिए हैं. आईबी के लोग बताते हैं क्या-क्या कठिनाइयां आने वाली हैं. या आ सकती हैं. सीआरपीएफ के लोग यहां रोज फेस करते हैं. इसलिए वह भी रहते हैं, लेकिन हमारा अपना कोई सुझाव नहीं हो सकता. हमें तो श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा के उपकरण इनके बीच में जितना संभव होगा तालमेल करेंगे.

चंपत राय, महासचिव श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

अयोध्या: ममेरे भाई ने थप्पड़ का बदला गला काटकर लिया, पुलिस की जांच में खुलासे का दावा

    follow whatsapp