यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को पुलिस मुख्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभ्यास कार्यक्रम ‘गांडीव-5’ का अवलोकन किया. विधानसभा परिसर समेत कई जगह पर हुए इस अभ्यास में बलों ने आतंकवाद की किसी भी घटना से निपटने के प्रति अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया.
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अभ्यास के दौरान कई हेलीकॉप्टर शामिल थे जिनमें से दो को राज्य विधानसभा भवन के ऊपर से उड़ाया गया. इस दौरान कमांडो लोक भवन, जहां मुख्यमंत्री कार्यालय स्थित है, पर रस्सियों के जरिये उतरते दिखे.
आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस दौरान मुख्यमंत्री ने एनएसजी द्वारा वार्षिक अभ्यास के पांचवें संस्करण में विभिन्न ‘सर्जिकल ऑपरेशन’ की तैयारियों को भी देखा.
आधिकारिक बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की दिशा में उल्लेखनीय काम करते हुए प्रदेश में आतंकी घटनाओं को लेकर भी सजग है. इस तरह की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सुरक्षाबल ‘मॉक ड्रिल’ (अभ्यास) करते रहे हैं.
इसी क्रम में बृहस्पतिवार को भी उप्र पुलिस और एनएसजी की टीम ने इस तरह की घटनाओं पर अपनी तैयारियों को और पुख्ता करने के लिए संयुक्त अभ्यास ‘गांडीव-5’ को अंजाम दिया.
अभ्यास के दौरान जहां पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री ने तैयारियों को देखा. लोकभवन में राज्य प्रशासन, उप्र पुलिस की विभिन्न इकाइयों और एनएसजी द्वारा संयुक्त रूप से आतंकवाद रोधी अभ्यास के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गई.
आतंकवाद की किसी भी घटना से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने के लिए राज्य विधानसभा भवन में संयुक्त मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई.
अभ्यास के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय में तैयारियों का परीक्षण किया, इस दौरान राज्य विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना मौजूद थे.
बुधवार को लखनऊ के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों और प्रतिष्ठानों पर की गई ‘मॉक ड्रिल’ में कई हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया.
पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन, आलमबाग बस अड्डा, गोमती नगर स्थित पलासियो माल, ताज होटल तथा चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर भी ‘मॉक ड्रिल’ की गई.
आतंकवाद और अपहरण के खतरों को बेअसर करने के मकसद से 1984 में सर्जिकल कमांडो ऑपरेशन करने के लिए एनएसजी को एक संघीय आतंकवाद-रोधी बल के रूप में स्थापित किया गया था. इसके पास एक विशेष दस्ता भी है जो वर्तमान में उच्च जोखिम वाले अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) को सशस्त्र सुरक्षा कवर प्रदान करता है.
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