अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर (Shashi Tharoor) की टीम ने पार्टी के मुख्य निर्वाचन प्राधिकारी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान “अत्यंत गंभीर अनियमितताओं” का मुद्दा उठाया और मांग की कि राज्य में डाले गए सभी मतों को अमान्य किया जाए. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
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थरूर की प्रचार टीम ने पंजाब और तेलंगाना में भी चुनाव के संचालन में “गंभीर समस्या” के मुद्दे उठाए थे.
सूत्रों ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को लिखे पत्र में थरूर के मुख्य चुनाव एजेंट सलमान सोज ने कहा है कि तथ्य “हानिकारक” हैं और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया में “विश्वसनीयता और प्रमाणिकता की कमी” है.
उन्होंने कहा कि मतदान एजेंटों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद थरूर की टीम व्यथित करने वाले तथ्यों के बारे में अवगत कराने के लिए बाध्य है.
सोज ने मिस्त्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ देखा गया है वह “आपके कार्यालय” के अधिकार को खुली चुनौती के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के आदेशों की अवमानना है.
सूत्रों के मुताबिक, सोज ने अपने पत्र में लिखा, “हम यह रेखांकित करना चाहेंगे कि हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मल्लिकार्जुन खरगे जी को पता था कि कैसे उनके समर्थक उत्तर प्रदेश में चुनावी कदाचार में लिप्त थे। हमें यकीन है कि अगर उन्हें जानकारी होती तो उत्तर प्रदेश में जो कुछ हुआ, उसे वह कभी नहीं होने देते.”
सोज को उद्धृत करते हुए पत्र में कहा गया, “वह (खरगे) ऐसे चुनाव को कलंकित नहीं होने देंगे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.”
उत्तर प्रदेश में थरूर की टीम द्वारा जिन “अनियमितताओं” का उल्लेख किया गया उनमें मतपेटियों के लिए अनाधिकृत मुहरों का उपयोग, मतदान केंद्रों में अनाधिकृत व्यक्तियों की उपस्थिति, मतदान कदाचार, मतदान सारांश पत्र नहीं होने, उत्तर प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिवों की उपस्थिति आदि शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक, 18 अक्टूबर की तारीख वाले पत्र में कहा गया, “अगर उत्तर प्रदेश की दागदार प्रक्रिया को कायम रहने दिया जाता है तो हम यह नहीं समझ पा रहे कि इस चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसे माना जा सकता है. इसलिए हम मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश के सभी वोटों को अवैध माना जाए.”
थरूर की टीम ने कहा कि उसे इस चुनाव में “मतदाता धोखाधड़ी” का संदेह है और आरोप लगाया कि ऐसे निर्वाचक थे जो मतदान के दिन लखनऊ क्षेत्र में मौजूद नहीं थे और उनका मत डाला गया था. पत्र में कहा गया है कि कुछ लोगों की ओर से वोट नहीं डालने की शिकायत थी क्योंकि अन्य ने पहले ही उनका वोट डाल दिया था.
सूत्रों के मुताबिक,सोज ने कहा, “जब हमारे एजेंटों ने मतदाता कदाचार की शिकायत की, तो दूसरे पक्ष के समर्थक मतदान केंद्र के अंदर आ गए और हंगामा किया और हमारे मतदान एजेंटों को धमकाना शुरू कर दिया.”
यह उल्लेख करते हुए कि थरूर ने हमेशा की तरह यथास्थिति में ‘बदलाव’ के नारे के साथ चुनाव लड़ा था और उनकी टीम चुनाव की प्रमाणिकता को कायम रखने के लिये लड़ने को तैयार है.
सूत्रों के मुताबिक, सोज ने कहा, ‘‘जीत या हार बहुत कम मायने रखती है क्योंकि दोनों प्रतियोगी एक ही परिवार का हिस्सा हैं. हालांकि, हमारे अभियान, हमारे स्वयंसेवकों और हमारे समर्थकों के लिए यह बहुत मायने रखता है कि हम यह सुनिश्चित करें कि इस चुनाव के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मजबूत हो.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा तभी हो सकता है जब हम इस चुनाव की सत्यनिष्ठा को प्रमाणित करने में सक्षम हों.’’
टीम थरूर ने कहा कि कोई भी चुनाव प्रक्रिया दोषहीन नहीं हो सकती और वह इसे समझती है. उसने बताया कि उसने एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) और पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के नेताओं द्वारा सीईए दिशानिर्देशों के कई उल्लंघनों को स्वीकार किया.
पत्र में सोज को उद्धृत करते हुए कहा गया, ‘‘हमने अन्यायपूर्ण और अनुचित व्यवहार देखा जिसने हमें समान अवसर पर काम करने से रोका लेकिन हम पार्टी के हित में चुप रहे. हमने पार्टी की सार्वजनिक छवि की रक्षा के लिए इसे अपने ऊपर ले लिया जब हमारे कई सहयोगी कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशों और राहुल गांधी जी के सार्वजनिक बयानों के विपरीत काम कर रहे थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह अब जारी नहीं रह सकता. पार्टी की छवि की रक्षा करना सिर्फ हमारे अभियान का काम नहीं है. अन्य को अब आगे बढ़कर अपनी भूमिका निभानी होगी. हम उन्हें जवाबदेह ठहराएंगे.’’
मिस्त्री को लिखे एक अन्य पत्र में, थरूर की टीम ने पंजाब और तेलंगाना में चुनाव के संचालन में भी गंभीर समस्या के मुद्दों को उठाया है.
उस पत्र में, थरूर की टीम ने आरोप लगाया कि पंजाब में डेलीगेट कार्ड बांटने के लिए ‘‘अनैतिक प्रक्रिया’’ का पालन किया गया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग मतदान केंद्र के अंदर नियमित रूप से मतदान की पूरी अवधि के लिए मौजूद थे और ‘फर्जी मतदान की अनुमति’ दे रहे थे.
मधुसूदन मिस्त्री ने दिया ये जवाब
वहीं मधुसूदन मिस्त्री ने शशि थरूर की टीम द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में “अत्यंत गंभीर अनियमितताओं” का मुद्दा उठाए जाने के बाद कहा कि थरूर की शिकायत का कोई आधार नहीं है, लेकिन वह बिंदुवार जवाब देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि थरूर की शिकायत का मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किया जाना ठीक नहीं है.
मिस्त्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस का आंतरिक चुनाव है. हमारे प्रदेश निर्वाचन अधिकारी और सचिव ने रिपोर्ट तैयार की है, हम उनका जवाब देंगे. हम जवाब प्रेस में नहीं देना चाहते हैं.’’
उनका यह भी कहना था, ‘‘थरूर की शिकायत को प्रेस में दिया जाना ठीक नहीं है… उन्होने सार्वजनिक किया, लेकिन इसका मतलब नहीं है कि हमारी ओर से भी जवाब सार्वजनिक किया जाए। हम पार्टी के अनुशासन में हैं और यह पार्टी का आंतरिक चुनाव है.’’
मिस्त्री ने कहा, ‘‘हम थरूर को जवाब देंगे और बुलाएंगे भी. अगर कोई बात थी तो वह हम से मिलकर करते. इस शिकायत का कोई आधार नहीं है. यह सामान्य सी शिकायत है.’’
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