दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रायल शुरू, 6 कोच वाली यह सवारी सामने से दिखेगी बुलेट ट्रेन जैसी

वरुण सिन्हा

• 04:05 PM • 17 Aug 2022

दिल्ली से मेरठ तक सफर आसान हो और वो भी रैपिड रेल से हो उसका इंतजार हर कोई करता नजर आ रहा है. दिल्ली गाजियाबाद…

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दिल्ली से मेरठ तक सफर आसान हो और वो भी रैपिड रेल से हो उसका इंतजार हर कोई करता नजर आ रहा है. दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह से चलाना है, लेकिन उससे पहले चरणबद्ध तरीके से इसके स्टेशनों के बीच दूरी को कम करते हुए यात्रियों के लिए सफर शुरू कर दिया जाएगा. ये सफर मार्च 2023 में शुरू होगा जो पहले 17 किमी तक होगा. उसके बाद जैसे-जैसे काम होता रहेगा, रैपिड रेल अगले स्टेशन से अंतिम स्टेशन तक का सफर तय कर लेगी.

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अब तक आपने रैपिड रेल के कोच ही देखे होंगे कि रैपिड रेल के कोच के अंदर क्या क्या खासियत है. पर पहली बार अब आप रैपिड रेल भी देख लीजिए. 6 कोच वाली इस रेल को अगर आप सामने की तरफ से देखें, तो इसका लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. साइड से इनको मेट्रो की तरह रखा गया है.

पहले फेज को लेकर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है. हालांकि एक तरह ये शॉर्ट ट्रायल है. पूरी तरह से ट्रायल नवंबर के आखिरी में शुरू होगा. यानी साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर का प्राथमिकता खंड पर, जिसको मार्च 2023 तक चालू होना है. वर्तमान में प्राथमिकता खंड का सिविल निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है.

इस आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है और 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में. दिल्ली में इस कॉरिडोर में जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार स्टेशन हैं. इनमें सिर्फ आनंद विहार स्टेशन भूमिगत है. इस स्टेशन से दिल्ली की ओर न्यू अशोक नगर और गाजियाबाद की दिशा में साहिबाबाद एलिवेटेड आरआरटीएस स्टेशन बनाए जा रहे हैं.

यात्रियों की सुरक्षा को देखते आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए समानांतर दो टनल बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपायों का भी प्रावधान है. इस परियोजना के कार्यान्वयन के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण राष्ट्रीय राजधानी की भीड़भाड़ को कम करना, वाहनों के यातायात और वायु प्रदूषण को कम करना, और संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है.

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