Poultry farming in Uttar Pradesh: आजकल लोग छोटे पैमाने पर ही सही अपने कारोबार का भी सपना देख रहे हैं. इसके लिए तमाम जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं. नौकरीपेशा लोग भी चाह रहे हैं कि कोई अल्टरनेटिव बिजनेस स्थापित किया जा सके. ऐसे में पोल्ट्री फार्मिंग भी हाल के दिनों में एक बढ़िया कारोबार का विकल्प बना है. ऐसे पशुधन उत्पादों के लिए राज्य सरकारों और केंद्र सरकारें वित्तीय मदद भी उपलब्ध करा रही हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि महज 100 चूजों से शुरू की गई पोल्ट्री फॉर्मिंग लाखों रुपये कमाने का मौका दे सकती है. इसमें अगर ब्रीड कड़कनाथ मुर्गे की हो, तो कहना ही क्या.
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वैसे तो कड़कनाथ नस्ल मध्य प्रदेश के झाबुआ क्षेत्र की विशेषता है, लेकिन इसे अब देशभर में पाला जा रहा है. हमारे सहयोगी किसान तक चैनल पर इससे संबंधित एक वीडियो रिपोर्ट में विस्तार से जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि वर्तमान समय में पोल्ट्री फॉर्मिंग में कड़कनाथ की डिमांड सबसे ज्यादा. इस ब्रीड का रंग और खून, दोनों काला होता है. इसकी फार्मिंग में फायदा ज्यादा है. कड़कनाथ का चूजा 25 से 30 रुपये में मिल जाता है. 6 महीने में ये एक से डेढ़ किलो का हो जाता है. एक मूर्गी साल भर में 140 से लेकर 160 अंडे भी देती है. इसके अंडा 25 रुपये तक भी बिकता है. ऐसे में 6 महीने में अच्छी खासी इनकम हो जाती है.
देसी तरीके से पालना आसान
रिपोर्ट में बताया गया है कि कड़कनाथ का पालन का खर्चा कम है. पोल्ट्री के लिए खास फीड नहीं भी देते हैं, तो देसी तरीके से पाल सकते हैं. देसी वेराइटी है, तो बिल्ली-सांप जैसों से ज्यादा खतरा नहीं होता है. ये उनसे लड़कर खुद का बचाव कर लेता है.
इस रिपोर्ट में किसान विज्ञान केंद्र, आगरा के वैज्ञानिक डॉक्टर धर्मेंद्र चौहान ने इस बारे में और विस्तार से बताया है. उनके मुताबिक उदाहरण के लिए देसी प्रजाति की पोल्ट्री फार्मिंग में आप श्यामी प्रजाति की मूर्गी को ले लीजिए. इस प्रजाति के 100 चूजों से अगर आप काम करना चाहते हैं, तो प्रति चूजे ये 30-50 रुपये में उपलब्ध हैं. यानी 100 चूजों पर खर्च होंगे 3 से 5 हजार रुपये. अब इनके बड़े होने में आने वाले खर्च का आकलन करते हैं. अगर इन्हें सप्लीमेंट्री फीड देते हैं, तो एक एडल्ट पर लगभग 300-350 रुपये का खर्च आता है. देसी फीड, गेहूं, बाजरा, जो भी किसान के पास उपलब्ध है वो देंगे, तो इसका खर्चा 200 रुपये से कम आता है.
कड़कनाथ मुर्गे का मांस और मुर्गी का अंडा पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, खासकर इसमें प्रोटीन की उच्च मात्रा और कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर होता है. इसलिए, इसकी पोल्ट्री फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है. आइए जानते हैं कि 100 चूजों से शुरुआत करने पर शुरुआती लागत और संभावित वार्षिक आय क्या हो सकती है.
1. चूजों की लागत:
- एक चूजे की लागत: ₹30-50
- 100 चूजों की कुल लागत: ₹3,000-₹5,000
2. शेड और बुनियादी ढांचा:
- शेड निर्माण और आवश्यक उपकरण (फीडर, ड्रिंकर, ताप व्यवस्था) के लिए लागत: ₹40,000-₹50,000
3. फीड (खाद्य सामग्री):
- एक चूजे को वयस्क करने की फीड लागत: ₹200 प्रति चूजा
- 100 चूजों की फीड लागत: ₹20,000
4. स्वास्थ्य देखभाल और टीकाकरण:
- स्वास्थ्य देखभाल और टीकाकरण के लिए अनुमानित खर्च: ₹5,000
5. अन्य खर्चे:
- बिजली, पानी, और अन्य देखभाल संबंधी खर्च: ₹5,000-₹10,000
कुल प्रारंभिक लागत: ₹73,000-₹90,000
वार्षिक आय का अनुमान
1. अंडा उत्पादन:
- 80 मुर्गियाँ अंडा देने वाली होंगी।
- एक मुर्गी साल में 120-140 अंडे देगी।
- कुल अंडों की संख्या: 9,600-11,200
- प्रति अंडे की कीमत: ₹15-₹25
- अंडों से आय: ₹1,44,000-₹2,80,000
2. मांस उत्पादन:
- 50 मुर्गों का का मांस बेचा जाएगा।
- प्रति मुर्गे का औसत वजन: 2 किलो
- मांस की कीमत: ₹700-₹1,000 प्रति किलो
- मांस से आय: ₹70,000-₹1,00,000
कुल वार्षिक आय: ₹2,14,000-₹3,80,000
संभावित मुनाफा:
कुल खर्च (₹73,000-₹90,000) निकालने के बाद:
- संभावित मुनाफा: ₹1,24,000-₹3,07,000
वैसे तो खर्च और कमाई का यह हिसाब-किताब बिल्कुल किताबी मेथड पर नहीं चल सकता. पर इतना जरूर है कि हाल के वर्षों में पोल्ट्री फॉर्मिंग और ऊपर से कड़कनाथ मुर्गे को लेकर क्रेज तेजी से बढ़ा है. इसलिए अगर आप स्वरोजगार के बारे में सोच रहे हैं, तो अपने आसपास के किसान विज्ञान केंद्र से संपर्क करके और एक्सपर्ट गाइडेंस में इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
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