UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है. सरकार के फैसले के अनुसार, उन अधिकारियों और कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को वेतन दिया जाए, जिन्होंने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का विवरण दर्ज किया है.
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मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने 17 अगस्त को सभी प्रमुख सचिवों, अपर मुख्य सचिवों, सचिवों, महानिदेशकों, निदेशकों और विभागाध्यक्षों को पत्र जारी किया. इस पत्र में सरकारी आचरण नियमावली 1956 के नियम 2 और 4 का पालन करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2023 तक अपनी चल और अचल संपत्ति का विवरण देने के लिए कहा गया था.
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पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई कर्मचारी अपने संपत्ति का विवरण जमा नहीं करता है, तो 1 जनवरी 2024 के बाद होने वाली विभागीय चयन समिति की बैठक में उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 'हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2023 तक यूपी में सरकारी कमर्चारियों की संख्या 16.35 लाख थी.
सरकार द्वारा की गई समीक्षा में यह पाया गया कि कई कर्मचारियों ने अब तक संपत्ति का विवरण नहीं दिया है. इस स्थिति को देखते हुए, समय सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त 2024 कर दिया गया है. हालांकि, यदि इस तारीख तक भी विवरण जमा नहीं किया गया, तो उन कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन नहीं मिलेगा. इसके अलावा, जिन कर्मचारियों ने 2023 का विवरण नहीं दिया है और केवल 2024 का विवरण दिया है, उन्हें भी 2023 का संपत्ति विवरण 2024 में जमा करना होगा.
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