Uttar Pradesh News : देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे NCR में इस समय लोगों को दमघोंटू हवा में सांस लेना पड़ रहा है. राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद का भी हाल ऐसा ही है. यहां की हवा बिल्कुल जहरीली हो चुकी है. आसमान में चोरों तरह धुंध ही दिखाई दे रहा है और हवा लगातार खराब होती जा रही है. नोएडा-गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि AQI आज भी "गंभीर" श्रेणी में पहुंच गया हैं.
ADVERTISEMENT
नोएडा और गाजियाबाद की हवा हुई खराब
आकड़ों की बात करें तो सोमवार को नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि AQI 400 पार पहुंच गई है, वहीं गाजियाबाद में AQI 350 पार हो गई है. नोएडा औक गाजियाबाद दोनों ही शहरों के अधिकांश क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर गंभीर दर्ज किया गया और लोगों को कोई राहत नहीं है.
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब', 401 से 450 के बीच को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर प्लस' माना जाता है.
लागू हुआ ग्रैप-4
नोएडा-गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में स्कूलों को अब ऑनलाइन मोड में संचालित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 4 लागू कर दिया है. बढ़ते वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है ताकि बच्चों की सेहत को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे. इस आदेश के तहत, सभी स्कूलों को यह निर्देशित किया गया है कि वे ऑनलाइन क्लासेस के जरिए शिक्षण कार्य जारी रखें. स्कूल प्रशासन को डिजिटल माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग करने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उपाय करने की सलाह दी गई है. शिक्षकों को भी यह सुझाव दिया गया है कि वे अभिभावकों के साथ मिलकर बच्चों की पढ़ाई को सुगम बनाए.
वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर होता है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी बीमारियां इसके कारण उभर सकती हैं. लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. वायु प्रदूषण त्वचा और आंखों को प्रभावित कर जलन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है.
बचाव के उपाय
वायु प्रदूषण से बचने के लिए N-95 मास्क का उपयोग करें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. बाहर निकलने से बचें और इंडोर प्लांट्स लगाएं जो ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाते हैं. घर में अगरबत्ती या मोमबत्ती जलाने से बचें और खिड़की-दरवाजों के पर्दे की सफाई नियमित रूप से करें. धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दें और AQI चेक करें. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें और उन्हें घर के अंदर ही रखने का प्रयास करें. विशेषज्ञों की सलाह और योग या एक्सरसाइज घर के अंदर करें. भाप लेने से गले की सफाई होती है जिससे सांस लेने में राहत मिलती है.
ADVERTISEMENT