उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में एक मामूली विवाद के बाद माहौल इतना गर्म हो गया कि पुलिस और वकीलों के बीच जमकर लाठी चली. पुलिस ने लाठी चार्ज करते हुए वकीलों को जमकर पीटा और उन्हें कचहरी परिसर के अंदर खदेड़ दिया गया. वकील प्रियंका त्यागी और पुलिसकर्मी मोहन सिंह के बीच हुए विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है.
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लकील और बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजीत चौधरी ने पुलिस और हापुड़ थाना प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ गलत मुकदमा दर्ज किया था. हमारी मांग है कि महिला वकील की सिपाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और नगर कोतवाली के इंस्पेक्टर को हटाया जाए.
हापुड़ सहित जनपद गाजियाबाद बार एसोसिएशन के वकील भी सड़कों पर नारेबाजी करते हुए सड़क पर चक्का जाम करने लगे. एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल पहले ही तैनात कर दी गई थी. हापुड़ के मुख्य चौराहे तहसील चौराहे पर वकील जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे और उसके बाद वकील ने नगर कोतवाली में भी पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया. पुलिस द्वारा समझाने के बाद भी जब वकील नहीं मानें तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया और खदेड़ते हुए कचहरी परिसर में पहुंचा दिया.
पुलिस के इस लाठी चार्ज में हापुड़ 12 स्टेशन के पूर्व अध्यक्ष अजीत चौधरी सहित चार वकील गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें एंबुलेंस के माध्यम से सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
बता दें कि 3 दिन पूर्व सड़क पर जाम होने के कारण सिपाही और महिला वकील में नोकझोंक हो गई थी. महिला वकील ने सिपाही के वर्दी से नेम प्लेट उखाड़े थे. जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल होने लगा. इसके बाद संज्ञान लेते हुए हापुड़ नगर कोतवाली में महिला वकील और उनके पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था.
इस मामले में महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ दर्ज मुकदमे को समाप्त करने के लिए और पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर ही आज वकीलों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस मामले के बाद वकीलों और पुलिस के बीच में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है.
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