IPS Prabhakar Chaudhary News: बरेली एसएसपी के पद से ट्रांसफर होने के बाद IPS प्रभाकर चौधरी और उनके कार्यकाल की चर्चा पूरी नौकरशाही में हो रही है. ऐसा माना जाता है कि प्रभाकर चौधरी जहां-जहां जिस जनपद में रहे हैं, उन्होंने पुलिस की कार्यशैली और पुलिस व्यवहार में सुधार के लिए काम किया है. आपराधिक मामलों की मानकों के आधार पर जांच और कार्रवाई पर उनका फोकस रहा है. प्रभाकर चौधरी की वर्किंग स्टाइल अक्सर उन्हें चर्चा में रखती है. IPS प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर के बाद उनसे जुड़ी कई कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी उनके बुलंदशहर में पोस्टिंग के दौरान की है, जब इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के बाद उनकी सख्ती की वजह से जल्द ही उनका ट्रांसफर हो गया था.
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बुलंदशहर में आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी का कार्यकाल लगभग 73 दिन का रहा. वह 9 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर में एसएसपी के पद पर तैनात हुए और 20 फरवरी 2019 को उनका यहां से तबादला कर दिया गया. आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी को जब बुलंदशहर में तैनात किया था तब जनपद स्याना हिंसा की आग में जल रहा था. एक गौकशी की घटना के बाद 3 दिसंबर 2018 को हिंसा हुई थी, जिसमें तत्कालीन इंस्पेक्टर स्याना सुबोध कुमार शहीद हो गए थे. एक युवक की भी मौत हुई थी. मुस्लिम समुदाय का बड़ा इत्तेजमा जनपद में हुआ था लाखो लोग जलसे में जुटे थे. ये लोग घटना स्थल के रास्ते से वापिस अपने गंतव्य को जा रहे थे.
उधर हिन्दू संगठन भी कार्रवाई की मांग को लेकर चिंगरवटी चौकी के सामने उसी रास्ते पर धरना,प्रदर्शन और रास्ता जाम कर रहे थे. मुश्किल से हालात पर काबू पाया गया. बुलन्दशहर एसएसपी के बी सिंह को घटना के 6 दिन बाद तबादला कर डीजी कार्यलय से अटैच कर दिया. प्रभाकर चौधरी पर स्याना हिंसा की आग को ठंडी करने की जिम्मेदारी थी, तो साथ ही नामजद हुए और अज्ञात लोगों को सलाखों के पीछे भेजने की बड़ी जिम्मेदारी थी. नामजद लोगों में हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ लोग थे जिन को गिरफ्तार करना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था.
आईपीएस प्रभाकर चौधरी ने एक-एक कर 44 लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की और 3 जनवरी को बजरंग दल के तत्कालीन जिला सयोंजक योगेश राज को भी गिरफ्तार किया जो मुख्य आरोपी था. प्रभाकर चौधरी ने स्याना हिंसा के मामले में एफ आई आर के आधार पर कड़ी कार्रवाई की. पुलिस एक्शन के उनके तरीके कुछ अलग थे. वह पुलिस को वायरलेस सेट पर ही सुधारने के निर्देश देते थे. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ओपन निर्देश अक्सर वायरलेस सेट पर देते थे. उनके कुछ कथित ऑडियो किसी पुलिसकर्मी ने वायरलेस सेट से ही रिकॉर्डिंग कर लिए और उनको वायरल भी कर दिया. अक्सर ऐसे ऑडियो उसोशल मीडिया पर वायरल हुए और चर्चा का विषय बने. बुलंदशहर में रहने के दौरान भी उनके एक दो ऑडियो वायरल हुए जिसको लेकर खासी चर्चा हुई लेकिन कभी भी यह पुष्टि नहीं हो पाई की ऑडियो बुलंदशहर के ही कार्यकाल के दौरान के हैं या फिर कहीं दूसरी जगह के.
20 फरवरी 2019 को प्रभाकर चौधरी का तबादला जीआरपी झांसी में कर दिया गया, तो यही चर्चा में आया कि शायद ऑडियो सोशल मीडिया में आने के कारण इनका ट्रांसफर किया गया है. अभी हाल में ही बरेली से ट्रांसफर होने पर भी सोशल मीडिया में बुलंदशहर की घटनाओं का भी जिक्र किया जा रहा है. IPS प्रभाकर चौधरी की छवि को लेकर यह भी चर्चा होती है कि वह किसी दबाव में काम करने वाले अधिकारी नहीं हैं. उनके 8 साल में 18 तबादले कियेस गए और उन्होंने 15 जिलों में काम किया और एक बार फिर चर्चा में हैं.
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