कानपुर में विकास दुबे कांड में जितना 8 पुलिसकर्मियों को मारने वाले विकास दुबे की चर्चा नहीं हुई उससे ज्यादा चर्चा विकास के शूटर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को लेकर रही है. खुशी दुबे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार की रात को कानपुर देहात जेल से रिहा हुई. 2 साल बाद खुशी रिहा होकर जब अपने घर पहुंची तो उसके घर वालों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन अब कानपुर पुलिस ने खुशी दुबे के घर के आस-पास चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगा दिया है.हैरानी की बात यह है कि सभी कैमरे रात के अंधेरे में लगाए गए.
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घर के आस-पास चारों तरफ सीसीटीवी कैमरा लगाने पर अब सवाल खड़ा हो गया है कि क्या पुलिस खुशी दुबे की निगरानी करना चाहती है? यह सवाल खुद खुशी दुबे के वकील शिवाकांत लगा रहे हैं.
एडवोकेट शिवाकांत का कहना है कि अगर पुलिस खुशी दुबे की सुरक्षा करना चाहती है तो दिन में भी कैमरे लगाए जा सकते थे. खुशी के आने से पहले कैमरे लगाए जा सकते थे. लेकिन रात के अंधेरे में कैमरे लगाना इससे साबित होता है पुलिस खुशी दुबे की निगरानी करना चाहती है. उसको ट्रेस करना चाहती है. बता दें कि खुशी दुबे पहले से ही सभी राजनीतिक दलों का चुनाव में एजेंडा रही है. प्रियंका गांधी ने उसके परिजनों से मुलाकात की थी और खुशी की बहन नेहा कांग्रेस की तरफ से कल्याणपुर विधानसभा में चुनाव लड़ी थी.
सपा देश अखिलेश सिंह यादव मायावती आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे को कई बार उठाती रही है कि दुबे को पुलिस ने गलत जेल भेजा है. उसको ब्राह्मण होने की वजह से परेशान किया है.
खुशी बाहर आ गई है ऐसे में यह संभावना भी लग रही है राजनीतिक दल खुशी दुबे के आधार पर सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश करेंगे. तभी उनके वकील आरोप लगा रहे हैं कि हो सकता है पुलिस खुशी को ट्रैक करने के नजरिए से ही उसके घर के आस-पास रात के अंधेरे में कैमरे लगवा रही है. वैसे इस मामले पर पनकी के एसीपी निशांत शर्मा का कहना है की खुशी दुबे का चर्चित मामला है. वो माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमानत पर बाहर आई है. इसलिए उनकी सुरक्षा के नजरिए से पुलिस ने कैमरे लगाए हैं. बाकी और कोई बात नहीं है.
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