अयोध्या से शुरू हुई नाम बदलने की सियासत में अब कासगंज का नाम भी शामिल हो गया है. कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में जिले का नाम बदलकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कराकर प्रदेश सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया है.
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4 सितंबर को कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में सदस्य सितारा कश्यप ने कासगंज जिले का नाम बदलकर स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया. जिला पंचायत अध्यक्ष रत्नेश्वर कश्यप ने बताया कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित करा लिया है. अब इसे प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा.
जैसा हम सब जानते हैं, कासगंज जनपद बाबूजी (कल्याण सिंह) की कर्मभूमि रही है, बाबूजी यहां से सांसद भी रहे हैं. बाबूजी का राममंदिर निर्माण मे बहुत बड़ा योगदान था. उन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी सीएम की कुर्सी को भी त्याग दिया था. ऐसे महापुरुष के नाम से हमारे जनपद का नाम रखा जाता है तो यह हमारे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात होगी. इससे कासगंज विश्व में बहुत विख्यात होगा.
रत्नेश कश्यप, कासगंज जिला पंचायत अध्यक्ष
बता दें कि 17 अप्रैल, 2008 में प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने एटा जनपद के कुछ इलाकों को अलग कर कासगंज जिले का गठन किया था. उस दौरान मायावती ने कासगंज जिले का नाम बीएसपी के संस्थापक कांशीराम के नाम पर जिले का नाम कांशीराम नगर किया था. बाद में 2012 में अखिलेश सरकार ने फिर इसका नाम बदलकर कासगंज कर दिया था. अब एक बार फिर कासगंज जिले का नाम बदलने की तैयारी हो रही है.
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