रैपिड रेल के नाम की पहचान अब ‘नमो भारत’ से होगी! शुक्रवार को PM मोदी करेंगे उद्घाटन

यूपी तक

19 Oct 2023 (अपडेटेड: 19 Oct 2023, 02:50 PM)

नई ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों का नाम ‘नमो भारत’ रखा गया है. पीएम मोदी शुक्रवार यानी कल आरआरटीएस के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे.

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नई ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों का नाम ‘नमो भारत’ रखा गया है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को आरआरटीएस के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे.

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21 अक्टूबर से आम यात्री रैपिड रेल का इस्तेमाल कर सकेंगे. सभी रैपिड रेल पूरी तरह वातानुकूलित होंगी. फिलहाल पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर तक का सफर लोग इसमें तय कर सकेंगे. पहले चरण में कुल 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर,दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन होंगे.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा ‘रैपिडएक्स’ नाम की सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा के लिए ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) गलियारे का निर्माण कराया जा रहा है. एनसीआरटीसी केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है.

लगेगा इतना किराया

एनसीआरटीसी द्वारा रैपिड रेल के लिए किराया सूची जारी कर दी गई है. इसका सबसे कम किराया 20 रुपये तय किया गया है. सहूलियत और सुविधाजनक तरीके से इस रैपिड रेल में यात्री दो श्रेणियों स्टेंडर्ड क्लास और प्रीमियम क्लास में अपना सफर तय कर सकेंगे. हालांकि, प्रीमियम श्रेणी में स्टेंडर्ड क्लास की तुलना में किराया दोगुना है.

रैपिड रेल के स्टेंडर्ड क्लास में सबसे कम किराया 20 रुपये, जबकि प्रीमियम क्लास में मिनिमम किराया स्टेंडर्ड क्लास की तुलना में दोगुना यानी 40 रुपये है. इसी तरह स्टेंडर्ड क्लास में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक का किराया 50 रुपये, जबकि प्रीमियम क्लास में इसी दूरी तक साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक का तय किराया दोगुना यानी 100 रुपये होगा. करीब 3 फुट तक के बच्चे का इसमें कोई किराया नहीं लगेगा.

ट्रेन में होंगी ये सभी सुविधाएं

रैपिड रेल सीसीटीवी कैमरों, आपातकालीन दरवाजों और ट्रेन ऑपरेटर के साथ संवाद करने के लिए एक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाओं से लैस होंगी.

ये ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर कोच में लगभग छह सीसीटीवी कैमरे हैं और इस कॉरिडोर पर यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिकता है.

डिब्बों में अन्य सुविधाओं में एक आपातकालीन दरवाजा, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या अन्य प्रकार की आपात स्थिति के मामले में ट्रेन ऑपरेटर से बात करने के लिए एक बटन और आग बुझाने वाले यंत्र शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के ‘प्रीमियम कोच’ में एक ट्रेन अटेंडेंट मौजूद रहेगा, लेकिन वह अन्य डिब्बों में भी घूम सकता है. आपात स्थिति में उससे संपर्क किया जा सकता है. बेहतर सुरक्षा के लिए, प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन पर ‘प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर’ (पीएसडी) मौजूद होगा. ये पीएसडी, आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और सिग्नल प्रणाली के साथ जुड़े हैं.

आपातकालीन स्थिति में स्टेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए यात्री प्लेटफ़ॉर्म स्तर पर सीधे ‘हेल्प कॉल पॉइंट’ का उपयोग कर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से आपातकालीन सहायता का भी लाभ उठा सकते हैं.

एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है. पूरे 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को जून 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है.

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