कोविड-19 महामारी से रिकवरी जारी रही तो दिल्ली के पास नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) का पहला चरण सितंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा, जिसमें एक रनवे और सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने यह जानकारी दी है.
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उन्होंने बताया कि ग्रीनफील्ड परियोजना के पहले चरण का काम चल रहा है और इसे पूरा करने में 5700 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी. परियोजना की लागत में महंगाई के प्रभाव को पहले ही समायोजित किया जा चुका है.
वाईआईएपीएल, ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी है.
एनआईए उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के जेवर में स्थित है, जो दिल्ली से लगभग 80 किमी दूर है. इसे यूपी सरकार की ओर से वाईआईएपीएल के साथ सार्वजनिक-निजी साझेदारी के रूप में विकसित किया जा रहा है.
श्नेलमैन ने बताया, ‘‘यह उत्तर प्रदेश सरकार और हमारे लिए एक बड़ी परियोजना है. महामारी की स्थिति को लेकर मैं कोई अटकल नहीं लगाना चाहता, लेकिन अगर रिकवरी जारी रही तो हमारी प्रतिबद्धता है कि तीन साल के भीतर, यानी अक्टूबर 2024 के अंत हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाएगा.’’
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जुड़े दलों ने डिजिटल तकनीकों को अपनाया है और कई ऐसे लोग हैं जो एक-दूसरे से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले हैं.
जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर श्नेलमैन ने कहा कि पीपीपी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य प्रशासन इन चर्चाओं को परियोजना से प्रभावित परिवारों और किसानों के साथ आगे बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों से बेहद पेशेवर ढंग से और बहुत प्रभावी ढंग से इस चर्चा को आगे बढ़ाया है.
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