सपा नेता आजम खान के मामले में जमानत का आदेश आते ही एक नया प्रकरण दर्ज होने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि आखिर ये कैसा संजोग है कि आजम खान के खिलाफ जब भी अंतिम मामले में जमानत का आदेश दिया जाता है, तभी सरकार या प्रशासन उनके खिलाफ एक नया मामला दाखिल कर देता है. ऐसा लगातार होना कोई संयोग नहीं हो सकता.
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सुप्रीम कोर्ट आजम खान की जमानत अर्जी पर अगले मंगलवार यानी 17 मई को सुनवाई करेगा. अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस बाबत जवाब भी मांगा है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि आखिर ये कैसा संजोग है कि आजम खान के खिलाफ जब भी अन्तिम मामले में जमानत का आदेश दिया जाता है, तभी सरकार या प्रशासन उनके खिलाफ एक नया मामला दाखिल कर देता है. ऐसा लगातार होना कोई संयोग नहीं हो सकता.
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि गलत नीयत या मंशा से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. जैसे जांच रिपोर्ट आ जाती है मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है.
समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के मंत्री रहे आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी बहुत अहम है, क्योंकि पीठ ने प्रदेश सरकार से सीधे-सीधे पूछा है कि एक मामले में जमानत मिलती है तो नया केस दर्ज हो जाता है. ऐसा क्यों चल रहा है? एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं.
यूपी सरकार के वकील ने जवाब दिया कि प्रशासन कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक ही काम कर रहा है. उन्होंने कहा- हम इस पर हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को सत्य बताएंगे. इसमें कोई गलत मंशा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को हफ्ते भर में हलफनामा दाखिल करने को कहकर सुनवाई मंगलवार, 17 मई के लिए स्थगित कर दी है.
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