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पीलीभीत की रामलीला ऐतिहासिक है. यहां पर जब रावण का वध होता है तो लोगों की सांस रुक जाती है और देखा जाता है कि रावण करने वाला पात्र जिंदा है या नहीं.
बीसलपुर की रामलीला में रावण पात्र बने गंगा विष्णु उर्फ कल्लू मल, अक्षय कुमार और गणेश कुमार की मृत्यु रावण के वध के दौरान हुई थी.
साल 1987 में दशहरा पर रामलीला मंचन के दौरान रावण बने कल्लू मल को राम रावण के युद्ध के दौरान जब भगवान राम के पात्र द्वारा तीर मारे गए तो कल्लू मल ने राम राम कहते हुए प्राण त्याग दिये.
कल्लू मल के बेटे का कहना है कि पिता जी ने सन 1941 से 1987 तक यह किरदार निभाया और अब 1988 से मैं यह किरदार निभा रहा हूं. हमारे सारे प्रतिष्ठान लंकेश व रावण ज्वेलर्स के नाम से है.
खास बात यह है कि 1987 में गंगा विष्णु और कल्लू मल जो रावण का रोल अदा कर रहे थे जब उनको भगवान राम ने तीर मारा तो वह सच में राम-राम कहते मृत्यु को प्राप्त हो गए.
रावण का किरदार निभाने वाला परिवार रावण की पूजा करता है और रावण के नाम से ही सारे व्यापार करते हैं. परिवार राम-राम की जगह जय रावण बोलता है. परिवार का सरनेम भी रावण है.
कल्लू मल की मौत के बाद से रामलीला ग्राउंड में ही कल्लू स्वरूप दशानन की एक बड़ी मूर्ति लगा दी गई है. एक पत्थर भी लगा दिया गया है जिस पर लिखा है कि राम के तीर से कल्लू मल बने रावण को यहीं मोक्ष प्राप्त हुआ है.
परिवार के लोगों की जितनी भी दुकाने हैं सभी रावण के नाम से हैं. इनके दुकान और घर में रावण का मंदिर है.
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