सहारनपुर के जनक नगर के निवासी मोहम्मद अमान को भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान बनाया गया है. अमान की सफलता पर आज पूरा सहारनपुर गौरवान्वित महसूस कर रहा है. अमान ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा. पिछले कुछ सालों में उन्हें किस दौर से गुजरना पड़ा यह कम ही लोग जानते हैं. अमान के सर से माता और पिता दोनों का साया उठ गया था फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और बड़ा मुकाम हासिल किया.
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बना इंडिया अंडर-19 टीम का कप्तान
बता दें कि मोहम्मद अमान के माता-पिता का हाल ही में निधन हो गया था, जो उनके लिए एक बड़ा आघात था. 2020 में कोविड के दौरान उनकी माता का निधन हुआ और दो साल बाद, 2022 में उनके पिता भी उन्हें छोड़कर चले गए. इन कठिन परिस्थितियों में भी अमान ने अपने सपनों को छोड़ने के बजाय उन्हें और मजबूत बनाने का फैसला किया. उन्होंने अपने माता-पिता की यादों को संजोते हुए अपनी मेहनत जारी रखी. अमान बताते हैं कि उनके पास आज भी उनकी मां द्वारा दिलाया गया पहला बल्ला रखा हुआ है, जो उनके लिए सबसे कीमती चीज है.
ऐसा रहा संघर्ष
अमान का क्रिकेट के प्रति लगाव बचपन से ही था. हालांकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, उनके माता-पिता ने शुरुआत में उन्हें क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था. लेकिन अमान के जुनून के आगे वे हार मान गए और उन्हें खेलने की अनुमति दे दी. अमान ने 2014 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की, और सहारनपुर के भूतेश्वर क्रिकेट ग्राउंड में अभ्यास करना शुरू किया. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें एक के बाद एक ऊंचाइयों तक पहुंचाया. वे साल 2016-17 में अंडर-14, साल 2017-18 में अंडर-16, और साल 2022-23 में अंडर-19 क्रिकेट श्रेणी में खेले.
अमान के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब एसडीसीए के चेयरमैन मोहम्मद अकरम ने उनकी कठिनाइयों को देखा और उनकी मदद के लिए आगे आए. अकरम ने अमान को अपने पास रखा और उन्हें एक अच्छी एकेडमी में कोचिंग दिलवाई. उनकी इस मदद ने अमान के करियर को नई दिशा दी और इसी का परिणाम है कि आज अमान इंडिया अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. वह ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ होने वाले सीरीज में भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे.
मिला कठिन मेहनत का फल
अमान की बहन छिभा कहती हैं, "मुझे बहुत खुशी है उसके सिलेक्शन से. बचपन से ही उसे क्रिकेट का शौक था और उसने बहुत मेहनत की है. हमें गर्व है कि वह इंडिया के लिए खेलेगा." उनकी बुआ शबनम ने भी कहा, "अल्लाह ने अमान को इस मुकाम तक पहुंचाया है और हम गर्व महसूस कर रहे हैं."
मोहम्मद अमान की कहानी केवल एक खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को पूरा किया जा सकता है. अमान ने न केवल अपने लिए, बल्कि अपने परिवार और शहर के लिए भी एक मिसाल कायम की है. उनके संघर्ष और सफलता की यह कहानी निश्चित रूप से कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी.
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