जौहर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ की आशंका से सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल जौहर यूनिवर्सिटी में कोई सरकारी कार्रवाई नहीं होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत के तौर पर 13.8 हेक्टेयर जमीन को DM के हवाले करने की शर्त के फैसले पर भी रोक लगाई. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने के लिए लगाई गई शर्त पहली नजर में अनुपातहीन है.
हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साधनों से इसका कोई उचित संबंध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब भी मांगा है.
खान ने अपनी याचिका में दावा किया था कि यह शर्त उनके जौहर यूनिवर्सिटी के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाया गया था.
आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि रामपुर के जिलाधिकारी ने एक नोटिस जारी कर यूनिवर्सिटी की इमारतों को खाली करने व उन्हें गिराने की बात की है.
पीठ ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों पर रोक लगा रही है और अब मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली खान की याचिका पर सुनवाई के लिए 24 मई को सहमति दी थी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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