चुनाव आयोग को दस्तावेज देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए सपा (Samajwadi Party) ने बाकायदा सभी विधानसभा क्षेत्र के जीते-हारे प्रत्याशी, जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष समेत सभी नेताओं को लेटर जारी किया है. इस लेटर के जरिए भारत निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में गलत ढंग से काटे गए नामों की डिटेल मांगी गई है.
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समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से इस लेटर को ट्वीट किया गया है. लेटर में कहा गया है- ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग में मतदाता सूची में गलत ढंग से काटे गए नामों की सूची सबूत व दस्तावेज समेत जमा करना है.’
लेटर में आगे कहा गया है- ‘आप अपने विधानसभा क्षेत्र तथा प्रत्येक बूथ की मतदाता सूची में गलत ढंग से काटे गए नामों की सूची बना लें. मतदाता सूची में दर्ज नाम तथा सूची में काटे गए नाम दोनों के मतदाता सूची के पेज एकत्रित कर लें. गलत ढंग से जिसका नाम काटा गया है उस व्यक्ति का शपथ पत्र देना होगा.तथा आरओ या ईआरओ से मतदाता सूची से नाम काटने की की गई शिकायत की छायाप्रति तथा मतदाता सूची सहित दस्तावेज सबूत सहित 3 नवंबर 2022 तक हर हाल में अनिवार्य रूप से प्रदेश कार्यालय में जमा करा दें, ताकि समय से निर्वाचन आयोग में जमा किया जा सके.’
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को नोटिस जारी किया है. आयोग ने उन आरोपों के पक्ष में सबूत पेश करने को कहा है जो उन्होंने सार्वजनिक मंचों से आयोग पर लगाए हैं. आयोग ने आरोपों का आधार स्पष्ट करते हुए 10 नवंबर तक सबूत देने को कहा है. गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंचों से आयोग पर आरोप लगाए थे.
आयोग का कहना है कि आखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने यूपी की लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिए हैं. इसपर आयोग ने कहा है कि अखिलेश यादव मतदाता सूची से मुस्लिम और यादव समाज के 20 हजार वोटरों के नाम काटने के जो आरोप लगाए हैं उनके दस्तावेजी सबूत भी उपलब्ध कराएं.
ध्यान देने वाली बात है कि अखिलेश यादव ने 29 सितंबर को चुनाव आयोग पर यूपी चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. लखनऊ में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि यूपी विधानसभा चुनावों में हर विधानसभा सीट पर यादव और मुसलमानों के 20 हजार वोट खत्म किए गए. उन्होंने आगे कहा कि सभी सरकारी एजेंसियां अपनी पूरी ताकत से सपा के खिलाफ भाजपा को चुनावों में जीत दिलाने की कोशिशें कर रही थीं.
चुनाव आयोग ने सार्वजनिक मंचों से ये आरोप लगाने पर अखिलेश यादव को भेजा नोटिस, मांगे सबूत
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