ADVERTISEMENT
UP News: सुल्तानपुर लूट कांड मामले में यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस ने मंगेश यादव के बाद अब एक लाख के इनामी आरोपी बदमाश अनुज प्रताप सिंह का भी एनकाउंटर कर दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ और उन्नाव पुलिस की मुठभेड़ अनुज प्रताप सिंह और उसके साथी से उन्नाव में सुबह करीब 4 बजे हुई. इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली और गोलीबारी में अनुज प्रताप सिंह मारा गया.
अनुज प्रताप सिंह ठाकुर समुदाय से संबंध रखता था. दरअसल जब इसी लूट कांड में मंगेश यादव का एनकाउंटर किया गया था तो समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि जाति देखकर एनकाउंटर किए जा रहे हैं. अब जब अनुज प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने मार गिराया है तो अनुज प्रताप सिंह के परिवार ने अखिलेश यादव का नाम लेकर बड़ी बात कही है.
अब अखिलेश यादव को मिली तसल्ली- अनुज के पिता
UP Tak ने जब अनुज प्रताप सिंह के पिता धर्मराज सिंह से बात की तो उन्होंने कहा, ठाकुरों का एनकाउंटर करवाकर अब अखिलेश यादव को तसल्ली मिल गई. अनुज के पिता ने कहा कि अभी तक उनके परिवार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. सिर्फ ये पता है कि पुलिस ने एनकाउंटर करके मृत घोषित किया है. अनुज 3 मई को आखिरी बार गांव आया था.
अनुज प्रताप सिंह के पिता ने आगे कहा, अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई. ठाकुरों का एनकाउंटर हो गया. उनकी इच्छा की पूर्ती हो गई. इस दौरान अनुज के पिता ने ये भी कहा कि जिनके पास 35-40 केस हैं, उनका एनकाउंटर नहीं हो रहा है. मगर जिनके पास 1 या 2 केस हैं, उनका एनकाउंटर किया जा रहा है. इस दौरान अनुज प्रताप सिंह के पिता धर्मराज सिंह ने ये भी कहा कि सरकार की मर्जी जो चाहे कर सकती है.
आपको बता दें कि यूपी एसटीएफ और उन्नाव पुलिस की अनुज और उसके साथी से सुबह 4 बजे के करीब मुठभेड़ हुई. इस दौरान अनुज तो मारा गया. मगर उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भाग निकला और पुलिस के हाथ से बच गया. आपको ये भी बता दें कि अनुज प्रताप सिंह अमेठी के मोहन गंज थाना क्षेत्र के जनापुर गांव का रहने वाला था.
कौन था अनुज प्रताप सिंह?
अनुज प्रताप सिंह अमेठी के मोहनगंज थाने के जनापुर का रहने वाला था. एनकाउंटर में मारा गया अनुज प्रताप सिंह इस लूट गैंग का सरगना बताए जा रहे विपिन सिंह का सबसे करीबी था. विपिन सिंह के साथ अनुज गुजरात की एक डकैती कांड में भी साथ था. यह डकैती गुजरात के सूरत में हुई थी. विपिन सिंह ने इस मामले में पहले ही सरेंडर कर रखा है. अखिलेश यादव ने इसपर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि मुख्य आरोपी को पुलिस ने मिलीभगत करके सरेंडर कराया है.
ADVERTISEMENT