आज रात आसमान में होगा ‘सुपर मून’ का दीदार, जानें धरती पर क्या होगा इसका प्रभाव

विनित पाण्डेय

01 Aug 2023 (अपडेटेड: 01 Aug 2023, 09:46 AM)

Uttar Pradesh News: खगोलशास्त्र में रुचि लेने वाले लोगों के लिए आज की रात बहुत खास होने वाली है क्योंकि, आज रात बड़ा और ज्यादा…

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Uttar Pradesh News: खगोलशास्त्र में रुचि लेने वाले लोगों के लिए आज की रात बहुत खास होने वाली है क्योंकि, आज रात बड़ा और ज्यादा चमकीले चांद चांद से रूबरू हो सकेंगे. ऐसी खगोलीय घटना को सुपर मून कहा जाता है. इस घटना के दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा मे निकटतम बिंदु पर होता है. इसकी वजह से चंद्रमा और बड़ा और ज्यादा चमकीला चांद दिखाई देगा. इस खगोलीय घटना को सुपर मून कहा जाता है. इस घटना के दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा मे निकटतम बिंदु पर होता है. इसकी वजह से चंद्रमा और पृथ्वी की बीच की दूरी सबसे कम होती है.

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इसे पेरिगी भी कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा अपनी आकार से 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत तक ज्यादा चमकीला नजर आएगा. इस खगोलीय घटना को आज रात 12.01 बजे देखा जा सकता है.

क्या होता है सुपर मून?

गोरखपुर नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया, ‘सामान्य दिनों के मुकाबले इस दिन चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखाई देता है, इसी घटना को पूर्ण चंद्र या सुपर मून कहा जाता है.

कैसे देखें सुपर मून?

उन्होंने बताया, इस खगोलीय घटना को आप सीधे तौर पर बिना किसी अतिरिक्त टेलीस्कोप की सहायता से भी अपने घरों से ही साधारण आंखों से देख सकते हैं। वैसे समान्य दिनों में पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी लगभग 384366.66 किलोमीटर के करीब रहती है. अगर आप खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं, आप गोरखपुर के नक्षत्र शाला (तारामंडल) में विशिष्ट टेलीस्कोप के जरिए से भी इस सुपर मून को देख सकते हैं.

पृथ्वी से कम हो जाएगी चंद्रमा की दूरी

खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया, सुपर मून शब्द का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 1979 में रिचर्ड नौल्ले ने किया था. सुपर मून के दौरान चंद्रमा सामान्य दिनों के मुकाबले बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखाई देता है. पृथ्वी के चक्कर लगाने के दौरान अपने निकटतम पॉइंट पर आने के कारण ऐसा होता है. जबकि, चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार होने के कारण जब चंद्रमा अपने परिभ्रमण बिन्दु पथ पर पृथ्वी के निकटतम स्थान पर पहुंच जाता है तब पृथ्वी से चंद्रमा बड़ा दिखाई देता है, इसे खगोल विज्ञान की भाषा में पेरिगी कहते हैं। तब यह चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग 42,000 किलोमीटर तक कम हो जाती है, जो सुपर मून को एक विशिष्ट खगोलीय घटना बनाती है.

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