अब अतुल को IIT में मिल जाएगा एडमिशन! यूपी के इस लड़के ने सुप्रीम कोर्ट में जीता केस, पूरी कहानी

यूपी तक

30 Sep 2024 (अपडेटेड: 30 Sep 2024, 04:38 PM)

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली का रहने वाला छात्र अतुल को एडमिशन फीस ना जमा कर पाने पर IIT धनबाद में दाखिला नहीं मिल पाया था.

Atul was allotted a seat in Electronics Engineering at IIT Dhanbad.

UP boy

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Uttar Pradesh News : कहते हैं ऊंची उड़ान के लिए पंख से ज्यादा हौसलों की जरुरत होती है. जब आपके पास हौसला हो तो दुनिया की कोई भी ताकत लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाले छात्र अतुल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिसने अपने हौसले से ऐसी उड़ान भरी कि आज पूरे देश के लिए वो मिसाल बन गया. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसकी चर्चा काफी दिनों तक होने वाली है. फीस ना जमा करने पर IIT में एडमिशन ना मिलने पर छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आज उसे बड़ी राहत मिली है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली का रहने वाला छात्र अतुल को एडमिशन फीस ना जमा कर पाने पर IIT धनबाद में दाखिला नहीं मिल पाया था. मात्र 17 हजार रूपए ना दे पाने पर अतुल को अपनी सीट गंवानी पड़ी थी. इस मामले को लेकर छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया.  बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है. याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स की सीट पर एडमिशन देना चाहिए. कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि छात्र के लिए एक अलग सीट बढ़ाई जाए ताकि दूसरे स्टूडेंट के एडमिशन में कोई कठिनाई न आए. 

नहीं जमा कर पाया था फीस

बता दें कि अतुल कुमार, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के टिटोडा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने IIT JEE परीक्षा में अच्छा स्कोर किया और आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की सीट पाई.  मगर, गरीबी की मार ऐसी पड़ी कि 24 जून को आखिरी तारीख तक वो फीस जमा नहीं कर पाया. अतुल का कहना है कि उनका परिवार गांव वालों से कर्ज लेकर फीस का इंतजाम तो कर लिया था, मगर ऑनलाइन डॉक्यूमेंट सबमिट करते समय वेबसाइट ऑटोमेटिकली लॉग आउट हो गई थी. अंततः उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली जिसपर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया.


 

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